कविता- आलिंगन

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जहाँ दिल एक दूसरे से जुड़ते हैं,
ऐसा शुद्ध प्रेम, जो तुम्हारा और मेरा है।
आत्माओं के भीतर, एक पवित्र ज्योति,
प्रेम का मधुर नाम प्रज्वलित करती है।

प्यार, सपनों की गलीचा,
हम बुनते हैं, हर पल में,
उसकी खूबसूरती को महसूस करते हैं।
एक अंतहीन नृत्य,
एक सुरीली धुन,
दो दिलों को एक करती है जहाँ वे होने चाहिए।
उतार-चढ़ाव के बीच भी,
यह बना रहता है,
प्रेम का कोमल स्पर्श,
गर्मियों की बारिश की तरह।
फुसफुसाए गए शब्दों और…
कोमल निगाहों के जरिए,
आत्माएँ प्रेम की गोद में सुकून पाती हैं।
प्रेम कोई सीमा नहीं जानता,
कोई सांसारिक स्थान नहीं जानता,
यह समय से परे है,
कोई निशान नहीं छोड़ता।
इसकी शरण में, हम अभयारण्य पाते हैं,
आनंद का एक आश्रय, शाश्वत और मुक्त।
कठिनाइयों का सामना करते हुए भी,
प्रेम की शक्ति बनी रहती है,
आशा की किरण, दृढ़ और शुद्ध।
यह घावों को भरता है,
हर निशान को भरता है,
हमें घर तक पहुँचाता है,
चाहे हम कितने भी दूर क्यों न हों।

तो आइए हम अपने दिलों को
आपस में जोड़ लें,
दिव्य प्रेम की रोशनी में।
एक दूसरे में,
हम सच्चा अनुग्रह पाते हैं,
इस अंतरंग आलिंगन में।

#सतीश जोशी, इन्दौर

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