साझा संग्रह ‘माँ’ का विमोचन सम्पन्न

2 0
Read Time2 Minute, 27 Second

माँ की अनुभूति माँ बनने के बाद ही महसूस होती है- डॉ. पद्मा सिंह

इंदौर। माँ के लिए माँओं ने अपनी शाब्दिक आदरांजलि साझा संग्रह “माँ“ पुस्तक में कविताओं के माध्यम से व्यक्त की। इंदौर लेखिका संघ की सचिव मणिमाला शर्मा द्वारा संपादित एवं संस्मय प्रकाशन द्वारा प्रकाशित संग्रह में 68 रचनाकारों ने माँ के प्रति अनूठी भावनाओं को शब्दों में बयां किया।
पुस्तक का गरिमामय विमोचन समारोह शासकीय श्री अहिल्या लाइब्रेरी में किया गया। इस अवसर पर अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. पद्मा सिंह ने कहा अपनी माँ के मन की बात ख़ुद माँ बन जाने के बाद ही महसूस की जा सकती है। उन्होंने कहा, किसी रचना का सृजन माँ के समान ही कई भावनाओं के प्रसाद की तरह होता है। मुख्य अतिथि मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अर्पण जैन ने कहा ‘मातृशक्तियाँ सामाजिक जीवन के हर क्षेत्रों में शक्तिशाली और मज़बूती से अपनी उपस्थिति प्रकट करती हैं।’ विचार प्रवाह साहित्य मंच के अध्यक्ष मुकेश तिवारी ने सभी रचनाकारों को शुभकामनाएँ दीं। अहिल्या लाइब्रेरी की क्षेत्रीय ग्रंथपाल लिली डावर ने सभी लेखिकाओं के प्रयास को अद्भुत बताते हुए मधुर गीत ‘तू कितनी अच्छी है तू कितनी भोली है’ गाया। इंदौर लेखिका संघ की अध्यक्ष विनीता तिवारी ने कहा, माँ पर कुछ भी कहना नवाचार की तरह ही है। सिर्फ़ 15 दिनों में इतनी आकर्षक किताब को प्रकाशित कर संस्मय प्रकाशन ने असाधारण काम किया है। कार्यक्रम का संचालन एवं आभार मनीषा शर्मा ने किया। पुस्तक के कवर का चित्रांकन वन्दिता श्रीवास्तव ने किया है।

matruadmin

Next Post

बेटियों के लिए लिखी किताबों 'पिता के पत्र बिटिया के नाम' और 'रूदादे–सफर' पर चर्चा कर वामा साहित्य मंच ने मनाया पितृ दिवस

Sat Jun 17 , 2023
इन्दौर। एक बेटी का पिता हमेशा दुनिया को बेहतर करना चाहता है, क्योंकि उसकी बेटी को भी इसी दुनिया में रहना है। यह बात वरिष्ठ साहित्यकार पंकज सुबीर ने कही। शनिवार को वामा सदस्यों ने पुत्रियों के लिए लिखी पुस्तकों पर चर्चा कर पितृ दिवस मनाया। आयोजन में मुख्य अतिथि […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।