साहित्य अकादेमी द्वारा नारी चेतना कार्यक्रम का आयोजन

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तीन रचनाकारों उपासना, रुपाली ‘संझा’ और सविता पांडेय ने प्रस्तुत की अपनी रचनाएँ

नई दिल्ली। साहित्य अकादेमी द्वारा गुरुवार को नारी चेतना कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत तीन रचनाकारों उपासना, रूपाली संझा’ और सविता पांडेय ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं।
सर्वप्रथम सविता पांडेय ने अपनी कविताएँ प्रस्तुत कीं। उनकी कविताओं के शीर्षक थे 1 महुए की बेटियाँ, मृत्यु और प्रेम, डंपिंग ग्राउंड के विरुद्ध, किसी तख्ती पर बनाया गया अँधेरे का चित्र। इन कविताओं के बिंब वर्तमान के साथ अतीत की यात्रा पर भी ले जाने वाले थे। डंपिंग ग्राउंड पर लिखी कविता में एक चिड़ियाँ के द्वारा वहाँ फैले प्रदूषण को विराट रूप में दर्शाया गया था। रुपाली ‘संझा’ ने वियतनाम यात्रा पर प्रकाशित अपने यात्रा संस्मरण के प्रारंभिक अंश सुनाए । संस्मरण बहुत ही रोचक और जानकारी देने वाला था। उन्होंने वियतनाम में कमल के फूल की हर जगह उपस्थिति देखने पर पता किया तो ज्ञात हुआ कि कमल भारत की तरह वहाँ का भी राष्ट्रीय पुष्प है। अंत में उपासना ने अपनी कहानी ‘सरवाइवल’ प्रस्तुत की, जिसमें एक बेरोज़गार युवा और एक बिल्ली के आपसी संघर्ष को प्रतीकात्मक रूप में दर्शाया गया था और उसका संदेश था कि हम सबके जीवन में कोई न कोई हमारा अस्तित्व मिटाने के लिए हमेशा तत्पर रहता है और अंत में उसके साथ समझौता करके ही हम जीवन जीने की कल्पना कर सकते हैं । कार्यक्रम का संचालन संपादक (हिंदी) अनुपम तिवारी ने किया।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।