शांति का पैगाम

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भारत भूमि हमारी देवोपवन है।
अनमोल रिश्ते हमारे अनुपम है॥
अमन-चैन-शांति इसके गहने हैं।
हम सब आपस में भाई बहने हैं॥
चंद दिनों की यह जिंदगानी है।
यहां न कोई राजा,न कोई रानी है॥
आओ मिलजुल कर प्रेम के दीप जलाएं,
संग संग रहें,किसी के बहकावे में न आएं॥
‘मंगलेश’ करे सभी जन से विनती बारम्बार।
हम इंसान हैं,करो एक दूजे से प्यार अपार॥
                                                                  #डॉ. मंगलेश जायसवाल
 
परिचय : डॉ. मंगलेश जायसवाल ने प्राथमिक शिक्षा के बाद ‘कबीर और तुलसी के मानववाद का तुलनात्मक  अध्ययन’ विषय पर पीएचडी की है। आपने एमएससी और एमए (हिन्दी-संस्कृत) के साथ ही एम.एड.और बीजे (पत्रकारिता) भी कर रखा है। आप अध्यापक हैं और मध्यप्रदेश के कालापीपल में रहते हैं।अनेक पुरस्कारों-सम्मान  से देश-प्रदेश में सम्मानित हुए हैं। कई पत्र-पत्रिकाओं में कहानी-कविता छपती है तो,मंचों पर कविता पाठ(ओज) भी करते हैं। आप मूल रुप से कालापीपल मंडी( जिला शाजापुर,म. प्र.)के हैंऔर वर्तमान में मकान न. 592 प्रेम नगर, मंडी सिहोर(जिला सिहोर) में ही निवास है।

matruadmin

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One thought on “शांति का पैगाम

  1. बहुत सुंदर बात कही है आपने आदरणीय |

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