नई सोच

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शून्य में देखता हूं तो
शून्य ही नज़र आता है
आत्म स्वरूप में झांका तो
स्वयं में स्वयं नज़र आता है
अन्तःकरण में झांका तो
परमात्मा नज़र आता है
यानि जैसा हम चाहते है
वैसा ही हम देखते है
जैसा भी हम चाहते है
वैसा ही हम कर सकते है
फ़र्क सिर्फ दृष्टि का है
या दृष्टिकोण का है
फिर यह उदासी क्यों?
फिर यह निराशा क्यों?
गलती तो हमारी है,
हम ही हो गए थे लापरवाह
अनसुना कर रहे थे
बचाव के सारे संदेश
आते जाते रहे देश विदेश
चुनाव -कुंभ रोक नही पाए
शादियों में शामिल हो आए
ऐसे में कोरोना फैलना ही था
बर्बाद चमन होना ही था
लोगो को यूं मरना ही था
यह सच है मरने का दुःख है
अस्पताल में कराहने का दुःख है
असमय चले जाने का दुःख है
लेकिन दस मरे तो सौ बचे भी है
कई घरों में दीये जले भी है
जो बचे है उनका स्वागत करें
परमात्मा का धन्यवाद करे
नई सोच के साथ संकल्प करें
हम बचाव के तरीके अपनाएंगे
अब सबको मरने से बचाएंगे
फिर से नई दुनिया बनाएंगे।
#श्रीगोपाल नारसन

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।