नई सोच

0 1
Read Time1 Minute, 27 Second

शून्य में देखता हूं तो
शून्य ही नज़र आता है
आत्म स्वरूप में झांका तो
स्वयं में स्वयं नज़र आता है
अन्तःकरण में झांका तो
परमात्मा नज़र आता है
यानि जैसा हम चाहते है
वैसा ही हम देखते है
जैसा भी हम चाहते है
वैसा ही हम कर सकते है
फ़र्क सिर्फ दृष्टि का है
या दृष्टिकोण का है
फिर यह उदासी क्यों?
फिर यह निराशा क्यों?
गलती तो हमारी है,
हम ही हो गए थे लापरवाह
अनसुना कर रहे थे
बचाव के सारे संदेश
आते जाते रहे देश विदेश
चुनाव -कुंभ रोक नही पाए
शादियों में शामिल हो आए
ऐसे में कोरोना फैलना ही था
बर्बाद चमन होना ही था
लोगो को यूं मरना ही था
यह सच है मरने का दुःख है
अस्पताल में कराहने का दुःख है
असमय चले जाने का दुःख है
लेकिन दस मरे तो सौ बचे भी है
कई घरों में दीये जले भी है
जो बचे है उनका स्वागत करें
परमात्मा का धन्यवाद करे
नई सोच के साथ संकल्प करें
हम बचाव के तरीके अपनाएंगे
अब सबको मरने से बचाएंगे
फिर से नई दुनिया बनाएंगे।
#श्रीगोपाल नारसन

matruadmin

Next Post

बचपन को याद करते अब हम,

Thu May 20 , 2021
लौटा दे कोई बचपन अब हमारा, उसका एहसान सदा मानेंगे हम।। कागज की किश्ती बनाते थे हम, किश्ती बनाकर उसे तैराते थे हम। डूब जाती थी जब किश्ती हमारी, ताली बजाकर खूब हंसते थे हम।। गरजते थे जब बादल डरते थे हम, डरकर मां की गोद में छिपते थे हम। […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।