नारी की वेदना

0 0
Read Time1 Minute, 17 Second

एक नारी की मन की वेदना जिसका पति बाहर गया हुआ है और लॉक डाउन के कारण अपने घर नहीं आ सकता।

कोरोना डरा रहा है मुझको,
कोरोना सता रहा है मुझको।
जल्द आ जाओ अब साजन,
गले लगा लो अब तुम मुझको।।

हाहाकार मचाया है अब इसने,
कितने घर उजड़े है अब इसने।
बचकर रहना है अब तुम इससे,
सबको डस लिया है अब इसने।।

हॉस्पिटलो में अब जगह नहीं है
श्मशानों में अब जगह नहीं है।
लंबी कतारें लगी सब जगह है,
कोई किसी की पूछता नहीं है।।

तड़फ रही हूं अब मै
बिलख रही हूं अब मै।
चैन आए न अब दिल मे
जब तक मिल लू न मै।।

सुनसान हर जगह है,
कोरोना हर जगह है।
बताओ अब जाऊं कहां मै,
करे है ये पीछा हर जगह है।

कमरे में मै बन्द पड़ी हूं,
जी जान से इससे लडी हूं।
कर रही हूं तुम्हारी प्रतीक्षा,
घर के दरवाजे पर मै खड़ी हूं।।

कोरोना कर रहा खाऊ खाऊं,
किसको छोड़ू किसको खाऊं।
उसके मन में अब क्या बसा है
यही सोचकर मै डर डर जाऊं।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

लेखक पाठक और श्रोता का रिश्ता

Sat May 8 , 2021
सागर से भी गहरा है हमारा आपका रिश्ता। आसमान से भी ऊंचा है हमारा आपका का रिश्ता। मैं दुआ करता हूँ ईश्वर से, की ऐसा ही बना रहे ये रिश्ता।। समर्पण का दूसरा भाव हैं आपका हमारा रिश्ता। विश्वास की अनूठी गाथा हैं लेखक पाठक का रिश्ता। स्नेह प्यार की […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।