भारत : अतीत, वर्तमान और भविष्य

0 0
Read Time1 Minute, 54 Second
लेखक : श्री सुरेश जी सोनी

लेखक संघ के प्रचारक रहे है, उन्होंने अपनी इस छोटी सी पुस्तक में भारत के संतों के आविष्कार, भारत के दर्शन, भारत की अतीत में विश्व गुरु की भूमिका को अच्छे ढंग से प्रस्तुत किया। भारत पर हुए आक्रमण व आक्रमण के बाद जनता के दृष्टिकोण की भी विस्तृत व्याख्या की है। जिसमें यह दर्शाया गया कि हमने भृमित होकर भारतीय शोध, ग्रन्थ व वैज्ञानिकों के आविष्कारों को महत्व न देकर पश्चिमी वैज्ञानिकों की नकल पर भरोसा किया। भारत का दर्शन कला, साहित्य, भौतिकी, गणित, अर्थशास्त्र, जंतु विज्ञान, खगोलशास्त्र, चिकित्सा, संगीत, भाषा, राजनीति, युद्ध कला, विमान शास्त्र, औषध विज्ञान आदि में सर्वश्रेष्ठ था। परन्तु अंग्रेजो द्वारा वेद, शास्त्र, उपनिषद, ग्रन्थों के विषय मे फैलाये गए भ्रम के कारण हमने आजतक उनका अध्ययन, शोध नही किया। जिनकी नकल करके पश्चिमी जगत आज इतनी आगे बढ़ गया। आज भी देश का युवा भारतीयता पर गर्व न करके विदेशी सामग्री, शोध को ही उच्च मानता है क्योंकि पश्चिमी शिक्षा पद्धति ने कभी भारत की व्यापकता, विराटता और दर्शन को युवाओं को समझने ही नही दिया। इस पुस्तक को पढ़कर आप अवश्य भारत को जानने के लिए उत्सुक होंगे।

मंगलेश सोनी
मनावर(मध्यप्रदेश)

matruadmin

Next Post

सरकार को बनाना होगी ‘काम नहीं तो दाम नहींʼ की नीति

Mon Apr 26 , 2021
कोरोना काल में खाली होते सरकारी खजाने के लिए सरकार को बनाना होगी ‘काम नहीं तो दाम नहींʼ की नीति। इसके तहत जो अधिकारी-कर्मचारी निरंतर सेवायें नहीं दे रहे हैं, लाकडाउन के कारण निरंतर घरों में रहकर बेतन सहित अवकाश आ लुत्फ ले रहें हैं और उन्मुक्त विचरण कर रहे […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।