
को को को से क्या रोना।
ना ना ना किसीसे है मिलना।
अपने घरों में बस है रहना।
फिर कोरोना से क्या है डरना।।
रोग कुछ ऐसा है आया।
कोई इसे समझ न पाया।
दवा न इसकी बन पाया।
डॉक्टरों ने दूरीका उपाय बताया।।
अब सब को मिलकर के,
इस कोरोना को है हराना।
इस कार्य में सभी को,
अपना साथ है निभाना।
आओ मिल कर के ले,
हम सब एक संकल्प।
कैसे भी करके करोना को,
भारत से है अब भगाना।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।