
अंकित होंगे मेरे लहू से बर्बादी के अफसाने
किसने सोचा था किसने जाना था यार दौस्तो
सुना था मेहबूब बेवफा हो ये है कोई कोई हाय
मेरे महबूब की आंखों में फरेब होगा हाय हाय
किसने सोचा था किसने जाना था यार दोस्तों
पतझड़ आयेगी आ कर चली जायेगी हाये
पतझड़ मगर जिंदगी बन जायेगी दौस्तो यार
किसने सोचा था किसने जाना था यार दोस्तों
डूब जाती है कसरती भंवर में फंसे कर सुना
अपनी कश्ती का भी यही अंजाम हौगा ओ हाय
किसने सोचा था किसने जाना था यार दोस्तों
जायजात है मुश्किल केसीऔर क्होयो होगी
जायजात मगर फसाद करवायेगी दुनिया मैं
किसने सोचा था किसने सोचा था यार दोस्तों
अंकित होंगे मेरे लहू से बर्बादी के अफसाने
किसने सोचा था किसने जाना था यार दोस्तों
परिचय
अलका जैन
धार
बी एस सी
गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर
मालव रत्न अवार्ड प्राप्त
आकाशवाणी और दूरदर्शन में कविता पाठ