लोकतंत्र के नाम पर

0 0
Read Time1 Minute, 29 Second

लोकतंत्र के नाम पर
पूंजीवाद के मकड़जाल में फंसता आदमी ।
असुरक्षित सत्ता से
सुरक्षा की गुहार लगाता आम आदमी ।
भावनाहीन, तर्कहीन चाटुकार प्रशासन से
अपनी सुविधाओं की भीख मांगता आदमी ।
राष्ट्रवाद के नाम पर अपने ही सैनिकों के खून पर
फिर से सत्ता सुंदरी को पाते हैं हमारे जनप्रतिनिधि ।
टैक्स पर टैक्स देते महंगाई की मार सहकर
मुंह पर मास्क लगाकर कठपुतली सा बनता आदमी ।
श्री जी के पाखंडी अनुयायियों को
परिश्रम से अर्जित मुद्रा कोसमर्पित कर
अपनी बहन बेटियों की इज्ज़त को
लुटता हुआ देखता आदमी ।
अपनी बेखौफ निडर आवाज को बड़े- बड़े मीडिया हाउस की संस्कृति में अपनी जमीर को बेचता नारद मुनि ।
नित प्रतिदिन अपनों की लाशों पर विलाप करता
चिकित्सक रूपी कलयुगी भगवानों से
लुटता/मरता बीमार आदमी ।
पेट काटकर अपने बच्चों की पढ़ाई पर मोटी रकम देकर
अपनी दरिद्रता को खत्म करने के नाम पर
डिग्री रूपी कागज़ का टुकड़ा लेकर
नौकरी की तलाश में लुटता युवा भारतीय।

स्मिता जैन

matruadmin

Next Post

टोटल हेल्थ कार्यक्रम जनता की भाषा में क्यों नहीं ?

Sun Apr 11 , 2021
महोदय, आपका टोटल हेल्थ कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्र के लोग नहीं देख रहे हैं जबकि इस कार्यक्रम की आवश्यकता ग्रामीण क्षेत्र में सबसे अधिक है। कार्यक्रम न देखने का एक कारण यह है कि आपके जो प्रस्तोता, विशेषज्ञ एवं डॉक्टर हैं वे यह कार्यक्रम हिंग्लिश यानी कि अंग्रेजी और हिंदी की […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।