प्यार भरे कुछ मुक्तक

0 0
Read Time1 Minute, 38 Second

दिल लेकर पूछती हो कौन हो तुम।
जान कर भी अनजान बनती हो तुम।।
दिल के बदले दिल दिया था मैंने।
पूछता हूं इनका ज़बाब क्यों मौन हो तुम।।

भली भांति जानती हो कौन हूं मै तुम्हारा।
मेरे पास वह दिल है जो कभी था तुम्हारा।।
ये सच है मै परछाई हूं तेरी तू परछाई है मेरी।।
झांक कर देखो तुम देखो मिलेगा दिल तुम्हारा।।

पहन कर गुलाबी साडी,लग रहा गुलाब सा बदन।
गुलाब भी शरमा रहे,देखकर तुम्हारा ये बदन।।
माना कि गुलाब मे होते है बहुत ही कांटे।
कांटे भी मुस्करा रहे हैं,देखकर तुम्हारा ये बदन।।

भले ही बूढ़े हो गए हैं,दिल तो अभी जवां है।
इंजिन भले ही पुराना है,पिस्टन तो अभी रवा है।।
इल्तिज़ा है बस ऊपर वाले तुझी से।
रखना दोनों को सलामत यहीं मांगते दुआ है।।

बिखरे है रंग देखो होली के संग।
चेहरा गुलाबी देख दुनिया है दंग।।
मस्ती में आज लगे छोरा रंगीला।
छेड़े है सबको देखो पीकर भंग।।

न किसी की छेड़ा है न पी है मैंने भंग।
मै तो रहता हूं अपने साथियों के संग।।
इस होली पर ऐसी तौमत तो न लगाओ।
मै तो प्यार से खेलता हूं होली सभी के संग।।

आर के रस्तोगी
गुरुग्राम

matruadmin

Next Post

हिन्दुस्तान में नारी विमर्श और संघर्ष

Tue Mar 30 , 2021
हिन्दुस्तान के पश्चिम भाग में भी नारी आन्दोलनों और नारी विमर्श से अगर हम तुलना करते हैं तो कई बार हमारे सामने योग्य विद्वान हिन्दुस्तान के परिपेक्ष्य में नारी संघर्ष की उपेक्षा की जा सकती है। इसके साथ साथ जितना कष्ट नारी ने हिन्दुस्तान में झेला है शायद ही किसी […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।