
कहीं जब याद का मौसम आता है
दिल में कोई कलियाँ नहीं खुलतीं
जब दर्द की गंध
दिल की सभी दीवारों को सूँघो
दुखों के साधन पर
उन्होंने इस तरह एक अनसुना गीत गाया
वो सारे सपने उन आंखों से जैसे आंसू निकल आए
तो मुझे याद है
कि हम दिल के आंगन में एक अवधि है
पुराने सपनों के साथ
स्मरण का मौसम नहीं आया है
ओस लंबे समय तक आँसू बहाती है
फूल चेहरा नहीं धोते
हातिफ ने लंबे समय से कुछ नहीं कहा है
बस चुप रहे
अब मुझे कामुक यादों का मौसम कहां मिल सकता है?
मेरे लिए, जीवन का संदेश था यादें
कई पास हुए हैं
उज्ज्वल कहानियों को याद करने के बहाने
वो खूबसूरत यादें
भगवान की दिशा से मुझ पर
तो एक इनाम था यादें
अपने सीने में डूबते सीप की तरह
उसने कई मोतियों से राज बनाए रखे
वो यादें
जिसमें गायक की आवाज से अनमोल और मनभावन आवाज थी
मुझे नहीं पता कि पीड़ा क्या आई
पर अब
मुझे याद का मौसम याद आ गया
मैं कुछ समय के लिए अपने दिल के आंगन में रहा
याद का मौसम पुराने सपने लेकर नहीं आया था
अब अंधेरी रातों में आसमान को देखो
बादलों में चंद्रमा के लापता होने पर मत देखो
समुद्र की परतों में सूरज डूबता है
बस को डूबे हुए काफी समय हो चुका है
वह हमें कुछ नहीं बताता
यहां तक कि अब दिल में भी पीली किरणों के साथ
कोई हलचल नहीं है
दुखों के मौसम का रंग
अब तो दिल के शहर में भी
वे हमेशा आंसू बहाने में नाकाम रहते हैं
वो आंसू
तुम्हारे जाते ही तुम्हारा ले लिया
वो मौसम … याद का मौसम, शायद अब
आपके पास होगा
मेरा विवेक कहता है
कि तुम अपने साथ स्मरण के शब्द ले गए
लेकिन देखो …
थोड़ी देर गिरना
मुझ पर दया करो
तो कुछ स्वप्न दृश्य
कुछ खूबसूरत यादें
थोड़ी देर भेज दो
कि मैं कुछ समय के लिए दिल के आंगन में रहा हूं
यादों का मौसम पुराने सपने लेकर नहीं आया .
खान मनजीत भावड़िया
सोनीपत हरियाणा