भारत में उर्दू भाषा का स्थान १९८१ की जनगणना में समग्र रूप से छठा है, जिसमें ३५ मिलियन से अधिक वक्ता हैं, जिनमें से अधिकांश उत्तर भारतीय राज्यों में केंद्रित हैं। इस लेख का हिस्सा : भारत में उर्दू भाषा का स्थान समग्र रूप से देश में छठा स्थान है। […]

पांच प्रार्थनाओं में से प्रत्येक पर एक संक्षिप्त नज़र इस बिंदु को चित्रित करेगा। दिन की पहली प्रार्थना सूर्योदय से पहले दो इकाइयों से युक्त होती है। अल्लाह की याद के साथ दिन की शुरुआत करना और उस दिन के लिए बुराई से अपनी सुरक्षा की मांग करना और उसकी […]

दुनिया की भलाई के लिए मानवीय महानता बनाए रखने के लिए, पैगंबर (शांति उस पर हो) ने एक संदेश लाया जो धर्म की भावना, धर्मशास्त्र की पहली शर्त और मानव गरिमा का आधार था। सत्य केवल एक शब्द है। अल्लाह के सिवा कोई ईश्वर नहीं है एक वैश्विक मानव समुदाय […]

कर्नाटक के हरिदास ने दर्शन को आम जनता तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि अभी तक कोई भी सही समाधान में भेजने में सक्षम नहीं था, जो अजीब नहीं है। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे माधव विचारधारा के अनुयायी थे। हरिदास साहित्य […]

पिछली शताब्दियों में हमारा साहित्य कारवां; हैदराबाद दक्कन का नाम उन प्रमुख केंद्रों में सबसे प्रमुख और प्रमुख प्रतीत होता है जो पूरे भारत में परिधि और बिखरे हुए हैं और जिन्होंने कुछ प्रतिष्ठित विद्वानों के अनुसार सभ्यता और संस्कृति के दीप जलाए हैं और क्यों नहीं। क्षेत्र को उर्दू […]

मैं सोनीपत जिले का निवासी हूं। मैं सबसे पहले बताना चाहता हूं कि मेरा जिला हरियाणा एक मध्यम स्तरीय जिला है यह न तो अधिक बड़ा है और न ही अधिक छोटा है। सोनीपत नई दिल्ली से उत्तर में 43 कि.मी. दूर स्थित है। इस नगर की स्थापना सम्भवत: लगभग […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।