नहीं हैं जिनके भाई

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नहीं हैं जिनके भाई ,
वो बहनें उदास होती।
आता है भाई दूज जब,
तो बहनें हैं खूब रोती।

काश होता ऐसा भाई ,
जो मेरा साथ देता।
होती उदास जो मैं ,
आकर मुझे हंसाता।

दुःख दर्द बांट लेता,
मुझको गले लगाता।
छुपाती गम जो अपने,
बिन कहे समझ जाता।

बनकर वो कन्हैया,
मेरी लाज वो बचाता।
भरी सभा में आकर,
दुष्टों को मज़ा चखाता।

छलके जो मेरे आंसू,
दिल उसका भी रोता।
मुश्किल घड़ी में भाई,
अा मेरी ढाल बनता।

मस्तक तिलक लगाकर,
लेती बलैयां उसकी।
दौलत जहां की सारी,
मैं उसपे वार देती।

धन दौलत ना मांगू भैया,
बस प्यार तेरा मांगू।
सारे जहां की खुशियां,
तेरी मैं मांगू भैया।

कलयुग है ऐसा आया,
भाइयों ने रंग दिखाया।
बहनों को ही अपनी,
कर दिया है पराया।

किस्से सुने कुछ ऐसे,
रहम करते नहीं भाई।
हैं बहनें जब तड़पती,
उनको दया ना अाई।

माना है बहन पराई,
तेरा घर छोड़ अाई।
पर याद रखना भैया,
जग में तेरे संग अाई।

जो खून के हैं रिश्ते,
यूं तोड़ें नहीं जाते।
आधे सफर में ही,
छोड़ें नहीं यूं जाते।

वादा है मेरा रब से,
मैं दिखाऊं भाई बनके।
मां बाप और बहन का,
मैं दिखाऊं सहारा बनके।

भाई बहन का रिश्ता,
है पावन जहां में सबसे।
सलामत रहे ये रिश्ता,
करती दुआ ये रब से।

रचना
सपना (स० अ०)
जनपद औरैया

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।