
बेटे की चाह में कोख में मार दिया जाता
बेटियां किसी बेटे से कम नहीं ,भूला दिया जाता।
पूछती अपनी मां से , क्या मेरा बेटी होना गुनाह है
बेटी के जन्म से पहले ही ,उसके अरमानों को कुचल दिया जाता है।
यूं तो देवी का अवतार माना जाता
परंतु सच में गर्भ में मार दिया जाता।
बेटी कहे चिल्ला चिल्ला कर,मैं जीना चाहती हूं
मैं भी सपनों में रंग भर कर जिंदगी जीना चाहती हूं।
कभी वंश के नाम पर,कभी लोकराज में,
मार दी जाती या सुनसान सड़क पर छोड़ दी जाती।
नवरात्रि में देवी समझकर पूजा करते,
उसी बेटी को आम दिनों में मार दिया करते।
रेखा पारंगी
बिसलपुर पाली (राजस्थान)