बेटियां

4 3
Read Time1 Minute, 51 Second

बेटी को अभिशाप ना समझो,
हैं ईश्वर का उपहार बेटियां।
सृष्टि का आधार हैं बेटियां,
सारे जग की सार है बेटियां।
हम सबकी अभिमान बेटियां,
होती घर की शान बेटियां।
तनिक भी कम ना बेटों से बेटियां,
रखती जिगर में दम हैं बेटियां।
हर क्षेत्र में अब देखो यारों,
अपना परचम लहराए बेटियां।
चूल्हे चौके के संग बेटियां,
सारा देश चलाएं बेटियां।
बस, ट्रक, ट्रेन बुलेट को छोड़ो,
अब ऐरोप्लेन उड़ाएं बेटियां।
कुश्ती ,तैराकी,क्रिकेट में भी,
देश की शान बढ़ाएं बेटियां।
अा जाएं जो अपने पर बेटियां,
तूफानों से टकराएं बेटियां।
पहन के चोला केसरिया,
दुश्मन को धूल चटाएं बेटियां।
लक्ष्मी ,दुर्गा ,काली बन कर,
रण में तलवार चलाएं बेटियां।
चिताओं को अग्नि देकर अब,
बेटों का फ़र्ज़ निभाएं बेटियां।
जाएं जिस घर में ब्याह कर,
उस घर को स्वर्ग बनाएं बेटियां।
धैर्य , शील , क्षमा और साहस को,
अपना गहना बनाएं बेटियां।
जीवन की मुश्किल घड़ियों में,
आशा की किरण जगाएं बेटियां।
तन मन धन और निष्ठा से,
अपनों का साथ निभाएं बेटियां।
त्याग,समर्पण और धैर्य का,
जग को पाठ पढ़ाएं बेटियां।
हर घर की मर्यादा और सम्मान हैं बेटियां,
जग की भविष्य और वर्तमान हैं बेटियां।

रचना –
सपना (स०अ०)
प्रा वि उजीतीपुर
भाग्यनगर औरैया

matruadmin

Next Post

बापू

Sun Sep 27 , 2020
2 अक्टूबर दिवस है आया बापू का जन्मदिन है आया बापू थे बच्चों के प्यारे जग में सबसे न्यारे भेद-भाव को दूर भगाया अहिंसा का दीप जलाया पहन के आधी धोती गोरों को भगाया दुनिया में परचम लहराया भारत माँ का मान बढाया कुप्रथाओं को बंद कराया सादा जीवन जीके […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।