सदा लोगो के दिलो में रहोगे 

0 0
Read Time2 Minute, 57 Second

sanjay

तरुण रहोगे सबके मन में तुम शाश्वत अमरत्व रूप !
धर्म ध्वजा फहरेगी यूं हीं खिल रहेगा रंग अनूप !
तुमने सबको समझाया है जीवन कैसे जीना है !
जिनवर की वाणी के रस को कैसे निश दिन पीना है !
तरुण चले तुम आज छोड़ कर बीच भंवर में हम सबको !
सत्य यही है कमी खलेगी मुनिवर छोड़ गये हमको !
तुमको जाना पहचाना है घर बाहर में सभी जगह !
जैन धर्म की चर्चा होती तुम बोले उन सभी जगह !
हे गुरुवर तुम जहां बिराजो !
हमको आलोकित करना !
अनुपम शैली दिव्य धर्म की हम सबके उर में रखना !

बुन्देल खंड के इस महान संत को कैसे में श्रध्दांजलि दू ! शब्द नहीं है मेरे पास बस में तो यही प्रार्थना उस महावीर प्रभु से करता हूँ / की सदा उन्होंने आपके पथ को ही आगे बढ़ाया है और इस युग में भी जिसको लोग कलयुग कहते है / उसे सतयुग बनाकर भारत में सभी लोगो को पथ दिखलाया है वो पूरा भारत देश कभी भी उन्हें और उनके कड़वे वचनो को नहीं भूल पायेगा / में संजय जैन (मुंबई) उन्हें …. शत शत नमन तरुण सागर जी महाराज !

गुरु शिष्य आज जुदा हो गए !
गुरु से पहले ही शिष्य !
देवलोग को गमन कर गए !

सुनाते थे वो वीर प्रभु की वाणी /
खुद जीओ औरो को भी जीने दो !
यही सन्देश वो देते थे जग में सदा /
अब वो इस जग से देवलोग गमन /कर गए //
गुरु शिष्य आज जुदा हो गए !

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

श्री कृष्ण जन्म

Sun Sep 2 , 2018
माँ देवकी वासुदेव आएंगे कंस जेल मे फिर से भैया आधी रात को जन्म लेंगे फिर से  कृष्ण कन्हैया अत्याचारियो का संघार करेंगे विकारों का सर्वनाश करेंगे गोपियो की लाज बचाएंगे मुरली ज्ञान सबको सुनाएँगे पतित से पावन हमे बनाएंगे योगीराज श्री कृष्ण कन्हैया उनके मुख में ब्रह्माण्ड  मिलेगा श्रीमद् […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।