रोजगार के साथ मानसिक बोझ कम करने वाली है नयी शिक्षा नीति – डॉ. महेश जैन

0 0
Read Time3 Minute, 28 Second

‘रसानुभूति’ द्वारा परिचर्चा आयोजित

इंदौर।

वर्षों मन्थन करने के उपरांत लागू होने वाली नयी शिक्षा नीति देश के भावी भविष्य को रोजगारपरक और मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाने वाली है।
ये उद्गार भोपाल के डॉ. महेश जैन ने सर्वोदय अहिंसा ट्रस्ट एवं मातृभाषा उन्नयन संस्थान द्वारा आयोजित नयी शिक्षा नीति के शैक्षणिक सामाजिक/धार्मिक,सांस्कृतिक और नैतिक अवदान को परिलक्षित करती वैश्विक फलक पर साहित्यिक विमर्श की साप्ताहिक श्रृंखला रसानुभूति के अन्तर्गत तृतीय परिचर्चा के दौरान व्यक्त किये।

मीडिया प्रबन्धन प्रमुख दीपकराज जैन ने बताया कि इस कार्यक्रम का शुभारम्भ समकित शास्त्री खनियाधाना के द्वारा मंगलाचरण से हुआ।
इस तृतीय परिचर्चा का विषय वर्तमान नयी शिक्षा नीति और उसका धार्मिक शिक्षा एवं संस्थानों पर पढ़ने वाले प्रभाव था, जिसमें अनेक विद्वानों और साहित्यकारों द्वारा जिज्ञासायें व्यक्त कीं जिनका समुचित समाधान इस चर्चा में आमन्त्रित विद्वान् शिक्षाविद् डॉ. महेश जैन, सह संचालक, लोक शिक्षण, भोपाल ने दिया।
सभा के अध्यक्ष सुनील सर्राफ , सागर द्वारा अध्यक्षीय भाषण तथा परिचर्चा का संचालन अंकुर शास्त्री एंकर कम एडिटर, दूरदर्शन भोपाल एवं चैतन्य शास्त्री GPTL अहमदाबाद ने साथ किया। आभार- प्रदर्शन डॉ. अर्पण जैन अविचल, एवं भावना शर्मा द्वारा किया गया।
मीडिया प्रभारी प्रद्युम्न फौजदार ने बताया कि इस परिचर्चा के संयोजक गणतंत्र जैन ओजस्वी, संजय शास्त्री, सर्वोदय अहिंसा रहे।
इस परिचर्चा में श्री धीरेन्द्र चतुर्वेदी ए डी शिक्षा, मध्यप्रदेश, के अतिरिक्त मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग के अनेक अधिकारी, शोधार्थी, शिक्षा शास्त्री, शिक्षाविद् के अतिरिक्त पं. राजकुमार जी उदयपुर, रिषभ जी छिन्दवाडा, अजित जी अलवर, डॉ महेन्द्र जी मुकुर,मुम्बई, श्री विजय जैन, अहमदाबाद, मनोज जी मधुर, डॉ मनीष जी मेरठ, निलय जी आगरा, निपुण जी भोपाल, अमोल जी हिंगोली, डॉ. सुमत जी उदयपुर, डॉ श्रेयांस जी जबलपुर के साथ ही नीना जोशी, नरेन्द्रपाल जैन, भावना शर्मा, नीतेश गुप्ता आदि अनेक साथी उपस्थित रहे।
इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण सर्वोदय अहिंसा के यूट्यूब एवं फेसबुक चैनल पर किया गया।

matruadmin

Next Post

सात दशक की स्वतंत्रता और चंदु भैया की शोध डायरी

Thu Aug 13 , 2020
हमारे चंदू भैया सामाजिक और साहित्यिक जीव है और उनका जन्म भी हमारी तरह स्वतंत्र भारत में हुआ इसलिए उनने भी बचपन में पुस्तकों में पढ़ा और अध्यापकों से सुन रखा था कि भारत स्वतंत्र है। तभी से उनको ये आभास होने लगा था कि भारत में रहकर वो जो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।