युगपुरुष : महात्मा चैतन्य मुनि जी

0 0
Read Time3 Minute, 55 Second

पूज्यनीय महात्मा चैतन्य मुनि जी का बीती 26 जून 2020 को हृदयाघात से दुःखद निधन हो गया | महात्मा चैतन्य मुनि जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन आर्य समाज व साहित्य साधना को समर्पित किया | सरल हृदय महात्मा जी सार्थक प्रवचनों व उच्चकोटि के लेखन के लिए जाने जाते हैं | उनकी विद्वत्ता का परचम देश-विदेश तक फैला था |

महात्मा जी का जन्म 15 जुलाई 1948 को हिमाचल प्रदेश के सुन्दरनगर में हुआ था | मेरा उनसे परिचय 2010-11 के बीच हुआ, उनकी साहित्यिक काव्य कृति – आकाश अनन्त है के माध्यम से | उसके बाद तो उनका आशीर्वाद मुझे निरन्तर प्राप्त होता रहा | 2012 में महात्मा जी द्वारा सम्पादित पत्रिका – वैदिक वशिष्ठ पत्रिका में मेरी प्रथम काव्य रचना – भूल छपी | उसके बाद निरन्तर पत्रिका व महात्मा जी अपनी स्वरचित, प्रकाशित पुस्तकें भेजते रहे, साथ ही नियमित पत्र लिखकर एवं फोन के माध्यम से मेरा उत्साह वर्धन – मार्ग दर्शन करते रहे | मैंने भी उन्हें अपना प्रथम साहित्यिक गुरु माना था उसी समय से | उनके आशीर्वाद से मेरी टूटी-फूटी रचनाएं देश -विदेश की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होने लगी और आज भी अनवरत हो रही हैं |

महात्मा जी का इस तरह से अचानक चले जाना आर्य समाज व साहित्य जगत को अपूर्णनीय छति पहुंची हैं | मधुर व्यवहार, व्यवहार कुशल महात्मा जी अपने शारीरिक स्वास्थ्य की चिन्ता किये बगैर निरन्तर वेद प्रचार व लेखन कार्य कर रहे थे | उनकी अमूल्य सेवाओं से समाज काफी लाभान्वित हो रहा था | उनकी सौ से अधिक प्रकाशित पुस्तकें सदियों तक संसार का मार्गदर्शन करती रहेंगी | उन्होंने माँ भारती की अत्याधिक सेवा की | उनकी सेवाओं को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा |

महात्मा चैतन्य मुनि जी दूरदर्शन व आकाशवाणी के माध्यम से भी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देते रहे | उन्होंने साक्षरता अभियान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किये, जिसके लिए सरकार ने उन्हें सम्मानित भी किया | कई प्रतिष्ठित सम्मान उन्हें प्राप्त हुए थे | बृजलोक साहित्य कला संस्कृति अकादमी ने भी कई पावन अवसरों पर उन्हें सम्मानित किया था |

कई आश्रमों के संचालक महात्माजी कई संस्थाओं से जुड़े भी थे, और निरन्तर उन्हें अपनी सेवायें दे रहे थे |
महात्माजी की धर्मपत्नी और मेरी गुरु माँ सत्याप्रिया जी को ईश्वर इस दुख की घड़ी में सांत्वना प्रदान करें | ईश्वर दिवगंत महात्मा जी की आत्मा को परमशान्ति प्रदान करे और अपने श्रीचरणों में स्थान दे | उनके निधन से माँ भारती को जो क्षति हुई है परमात्मा उसकी पूर्ति करे | पुनः युगपुरुष महात्मा चैतन्य मुनि जी को सादर कोटिश नमन |

  • मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
    फतेहाबाद, आगरा

matruadmin

Next Post

श्री कृष्ण चालीसा

Thu Jul 16 , 2020
श्रीराधे अर्पित करुं,मानस के ये फूल। हे माधव तुमको भजृं,कीजे चरणन धूल।। जय गिरधारी कुंज बिहारी। सारे जग का तू रखवारी ।।1 रास रचैया जय बनवारी । हे मनमोहन कृष्ण मुरारी।।2 संतन रक्षक पीड़ा हारी । दुष्ट विनाशक तू अवतारी।।3 चौसठगुण सब तुमहि जाना। सोलाह कला लिये भगवाना।।4 जनम जेल […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।