बालसागर द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित

0 0
Read Time3 Minute, 9 Second

इन्दौर।

देश की राजधानी दिल्ली की बालसागर साहित्य संस्थान द्वारा बच्चों के लिए कविता एवं चित्रकला की ऑनलाइन प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिसमें जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
बालसागर साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ से आर्यांशा त्रिपाठी ने प्रथम, दिल्ली से अंकित शर्मा ने द्वितीय तथा इन्दौर की आरवी झाँझरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया I
कविता प्रतियोगिता में आगरा की राधिका ने प्रथम, उत्तराखंड की वैष्णवी सिंह ने द्वितीय एवं गाज़ियाबाद की शुभ्रा वर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया ।
साथ ही प्रतियोगिता में विहान जोशी,आदित्य दुबे, पार्थ ,अनुष्का सिन्हा इत्यादि ने भी हिस्सा लिया।
बालसागर द्वारा सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण-पत्र तथा विजताओं को प्रमाण-पत्र के साथ नगद राशि भी प्रदान की गई।
बालसागर साहित्य संस्थान की संस्थापक रिंकल शर्मा ने बताया कि ‘बालसागर का मूल उद्देश्य बालसाहित्य और हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार करना तथा बाल रचनाकारों के अन्दर छुपी हुई प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें पाठकों तक पहुँचाना है। अपने इसी मूल उद्देश्य को ध्यान में रखकर हमने ये प्रतियोगिता का आयोजन किया है जिससे बच्चों को एक ऐसा मंच प्राप्त हो जहाँ से वो अपनी रचनाओं को विस्तार दे सकें।’
बालसागर साहित्य संस्थान की सबद्धता विश्वव्यापी मातृभाषा उन्नयन संस्थान से है जो कई वर्षों से हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान देती आ रही है ।
मातृभाषा के संस्थापक डॉ अर्पण जैन ने कहा कि ‘आज जब देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है तो ऐसे समय में, हमारी सह-संस्था बालसागर साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित ये प्रतियोगिता बच्चों के मानसिक विकास में वृध्दि करने तथा उनके तनाव को दूर करने का बहुत ही अच्छा माध्यम है।’
प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले बच्चों के अभिभावकों ने बालसागर के प्रयासों को सराहा एवं बधाई प्रेषित की।

matruadmin

Next Post

प्रकृति

Wed May 6 , 2020
जहाँ जाने के बाद वापस आने का मन ना करे जितना भी घूम लो वहाँ पर कभी मन ना भरे हरियाली, व स्वच्छ हवा भरमार रहती है जहाँ सच में वही तो असली प्रकृति कहलाती है । र कभी मन ना भरे हरियाली, व स्वच्छ हवा भरमार रहती है जहाँ […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।