बालसागर द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं के परिणाम घोषित

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इन्दौर।

देश की राजधानी दिल्ली की बालसागर साहित्य संस्थान द्वारा बच्चों के लिए कविता एवं चित्रकला की ऑनलाइन प्रतियोगिताएं आयोजित की गई जिसमें जिसमें देश के अलग-अलग राज्यों से बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
बालसागर साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता में छत्तीसगढ़ से आर्यांशा त्रिपाठी ने प्रथम, दिल्ली से अंकित शर्मा ने द्वितीय तथा इन्दौर की आरवी झाँझरी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया I
कविता प्रतियोगिता में आगरा की राधिका ने प्रथम, उत्तराखंड की वैष्णवी सिंह ने द्वितीय एवं गाज़ियाबाद की शुभ्रा वर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया ।
साथ ही प्रतियोगिता में विहान जोशी,आदित्य दुबे, पार्थ ,अनुष्का सिन्हा इत्यादि ने भी हिस्सा लिया।
बालसागर द्वारा सभी प्रतिभागियों को सहभागिता प्रमाण-पत्र तथा विजताओं को प्रमाण-पत्र के साथ नगद राशि भी प्रदान की गई।
बालसागर साहित्य संस्थान की संस्थापक रिंकल शर्मा ने बताया कि ‘बालसागर का मूल उद्देश्य बालसाहित्य और हिन्दी भाषा का प्रचार-प्रसार करना तथा बाल रचनाकारों के अन्दर छुपी हुई प्रतिभाओं को खोजकर उन्हें पाठकों तक पहुँचाना है। अपने इसी मूल उद्देश्य को ध्यान में रखकर हमने ये प्रतियोगिता का आयोजन किया है जिससे बच्चों को एक ऐसा मंच प्राप्त हो जहाँ से वो अपनी रचनाओं को विस्तार दे सकें।’
बालसागर साहित्य संस्थान की सबद्धता विश्वव्यापी मातृभाषा उन्नयन संस्थान से है जो कई वर्षों से हिन्दी भाषा और हिन्दी साहित्य के प्रचार-प्रसार में अपना योगदान देती आ रही है ।
मातृभाषा के संस्थापक डॉ अर्पण जैन ने कहा कि ‘आज जब देश कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहा है तो ऐसे समय में, हमारी सह-संस्था बालसागर साहित्य संस्थान द्वारा आयोजित ये प्रतियोगिता बच्चों के मानसिक विकास में वृध्दि करने तथा उनके तनाव को दूर करने का बहुत ही अच्छा माध्यम है।’
प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले बच्चों के अभिभावकों ने बालसागर के प्रयासों को सराहा एवं बधाई प्रेषित की।

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।