भूख कब मिटेगी

0 0
Read Time1 Minute, 53 Second

भूख से पेट व्याकुल ,
प्यास से सूखते होंठ
दो रोटी ही माँग रहे ,
शब्दों को तो रोक।

पेट की भूख बूझा सको
सहजता का वो मार्ग दो
ये मजदूर है इनकी
हालत तो सुधार दो।।

नहीं चाहिए इनको आराम,
नहीं चाहिए इनको दौलत ,
नहीं चाहिए इनको झूठी शान,
इनको चाहिए सिर्फ इनका काम
जो दे इनके मजदूरी का दाम।।

ये सभी हालात समझते,
पर मजबूरी इनकी न समझते,
इनके जज्बात का कद्र करो
सक्षम होकर बढ़ाओ हाथ,
यही हाथ बदलगें मंदी के हालात।।

विकलांग होते व्यवस्थाओं पर
कबतक पर्दा डालोगे
सिर्फ प्रवचनों में उलझाकर
भूखे ही सबको मारोगे।

मदद की मलाई देखो बँट गयी
कागज पेन चली
आलमारियो में मदद सज गई
दरअसल यही विचित्र तस्वीर
हर आपदा पर उभर रही।

जानता हूँ यह महामारी है
लेकिन पहले पेट भरना जरूरी
दुखो का पहाड़ टूटा इनपर
बच्चो का मुस्कान जरूरी ।

मुफ्त ज्ञान तो सब बाँटते
आँसू बह रहे गली गली
फेसबूक नेता की क्षेत्र हुई
व्हाट्स बनी प्रवचन की गली।।

खोखले वादे और इरादे
इन रहनुमाओं के मन भावे
धरती अम्बर रो रहा
फिर भी इन्हें बहस ही भावे।

“आशुतोष”

नाम। – आशुतोष कुमार
साहित्यक उपनाम – आशुतोष
पटना ( बिहार)
कार्यक्षेत्र – जाॅब
शिक्षा – ऑनर्स अर्थशास्त्र
प्रकाशन – नगण्य
सम्मान। – नगण्य
अन्य उलब्धि – कभ्प्यूटर आपरेटर
टीवी टेक्नीशियन
लेखन का उद्द्श्य – सामाजिक जागृति

matruadmin

Next Post

घर और घरवाली को जाने

Wed Apr 22 , 2020
गुजर गए इतने दिन, तो बाकी भी निकल जाएंगे। घर में रहना क्या होता, समझ में आ गया होगा। कैसे दिनभर घर में कोई, अकेला रह सकता है। यही काम तो तुम्हारी, धर्मपत्नी अकेले करती है। और घर के काम काज, अकेली दिन भर करती। न कोई वेतन न कोई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।