डॉ एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’ होंगे राजभाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित

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डॉ एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’ होंगे राजभाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित

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मुंबई | भारत सरकार द्वारा वर्ष 2017-18 के लिए राजभाषा कीर्ति व राजभाषा गौरव पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। इनके अन्तर्गत गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग के अंतर्गत हिंदी शिक्षण योजना, मुंबई के सहायक निदेशक तथा ‘वैश्विक हिंदी सम्मेलन’ के निदेशक डॉ एम. एल. गुप्ता को भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राजभाषा विभाग, द्वारा उनके ‘लेख ‘ भाषा-प्रौद्योगिकी का सत्तर साल का सफरनामा ‘ के लिए ‘राजभाषा गौरव’ प्रथम पुरस्कार देने की घोषणा की गई है।

राजभाषा कीर्ति पुरस्कारों के अन्तर्गत भारत सरकार के मंत्रालयों-विभागों, बैंकों, उपकर्मों, स्वायत्त संस्थानों व नगर राजभाषा कार्यान्वन समितियों को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार प्रदान किए जाते हैं। जबकि ‘राजभाषा गौरव’ पुरस्कार सर्वोत्तम लेख व पुस्तक लेखन के लिए दिए जाते हैं।

राजभाषा हिंदी के लिए दिए जाने वाले ये राष्ट्रीय पुरस्कार प्रतिवर्ष चौदह सितंबर को भारत के माननीय राष्ट्रपति के कर कमलों द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य कार्यक्रम में प्रदान किए जाते हैं। जिसमें भारत के गृहमंत्री सहित विभिन्न मंत्री, सांसद व गृह सचिव तथा राजभाषा सचिव सहित सरकार के अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित होते हैं।

डॉ. एम एल गुप्ता ‘आदित्य’ जाने-माने हिंदी सेवी हैं और वे हिंदी व भारतीय भाषाओं के प्रयोग व प्रसार के अभियान में सक्रिय रुप से कार्य करते रहे हैं। भाषा प्रौद्योगिकी के माध्यम से हिंदी सभी भारतीय भाषाओं के प्रसार के लिए निरन्तर कार्य करते रहे हैं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।