“Covid19 एक भयावह वैश्विक महामारी:- कोरोना वायरस के लक्षण बचाव के उपाय एवं हमारी भूमिका”

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क्या है कोरोना वायरस:-
कोरोना वायरस (Coronavirus disease – COVID-19) से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या 17.83 लाख हो गई है. अमेरिका में इससे 20 हजार लोगों की मौत हो गई है. वहां 5 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं. भारत में भी संक्रमित लोगों की संख्या 8000 के पार चली गई है. इसकी दवा अब तक उपलब्ध नहीं है. इसलिए इससे बचाव ही एकमात्र रास्ता है.!
कोरोना वायरस का संबंध वायरस के ऐसे परिवार से है, जिसके संक्रमण से जुकाम से लेकर सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्या हो सकती है. इस वायरस को पहले कभी नहीं देखा गया है. इस वायरस का संक्रमण दिसंबर में चीन के वुहान में शुरू हुआ था. डब्लूएचओ के मुताबिक, बुखार, खांसी, सांस लेने में तकलीफ इसके लक्षण हैं. अब तक इस वायरस को फैलने से रोकने वाला कोई टीका नहीं बना है.

कोविड-19 की बुनियादी जानकारी:-
कोरोना वायरस यानी कि Coronavirus disease (COVID-19) बहुत सूक्ष्म लेकिन प्रभावी वायरस है. कोरोना वायरस मानव के बाल की तुलना में 900 गुना छोटा है. आकार में इस छोटे वायरस ने पूरी दुनिया को डरा दिया है. दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में नोवल कोरोना वायरस (कोविड-19) का पहला मामला जानकारी में आया।
इस संक्रमण से प्रभावित लोगों में बुखार, सर्दी-जुखाम, खांसी तथा सांस लेने में तकलीफ पाई गई थी. डाक्टरों ने पाया ये लक्षण सार्स से काफी मिलते-जुलते हैं. नोवल कोरोना वायरस (एनसीओवी/कोविड-19) कोरोना वायरस परिवार का सातवां वायरस है. अब छह तरह के कोरोना वायरस सामने आए हैं. इसकी अनुवांशिक संरचना 80 फीसदी तक चमगादड़ों में पाए जाने वाले सार्स वायरस जैसी मिली।

यदि ये सभी लक्षण किसी व्यक्ति में मिलते है तो उसे कोरोना संक्रमित माना जायेगा..
तेज बुखार आनाः अगर किसी व्यक्ति को सुखी खांसी के साथ तेज बुखार है तो उसे एक बार जरूर जांच करानी चाहिए. यदि आपका तापमान 99.0 और 99.5 डिग्री फारेनहाइट है तो उसे बुखार नहीं मानेंगे. अगर तापमान 100 डिग्री फ़ारेनहाइट (37.7 डिग्री सेल्सियस) या इससे ऊपर पहुंचता है तभी यह चिंता का विषय है.
कफ और सूखी खांसीः पाया गया है कि कोरोना वायरस कफ होता है मगर संक्रमित व्यक्ति को सुखी खांसी आती है.
सांस लेने में समस्याः कोरोना वायरस से संक्रमित होने के 5 दिनों के अंदर व्यक्ति को सांस लेने में समस्या हो सकती है. सांस लेने की समस्या दरअसल फेफड़ो में फैलते कफ के कारण होती है.
फ्लू-कोल़्ड जैसे लक्षणः विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार कोरोना वायरस से संक्रमित होने पर कभी-कभी बुखार, खांसी, सांस में दिक्कत के अलावा फ्लू और कोल्ड जैसे लक्षण भी हो सकते हैं.
डायरिया और उल्टीः कोरोना से संक्रमित लोगों में डायरिया और उल्टी के भी लक्षण देखे गए है. करीब 30 प्रतिशत लोगों में इस तरह के लक्षण पाये गए हैं.
सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमीः बहुत से मामलों में पाया गया है कि कोरोना से संक्रमित लोगों को सूंघने और स्वाद की क्षमता में कमी आती है।

कोरोना से बचाव के उपाय:-
•कोरोना वायरस संक्रमण का लक्षण दिखने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर अनिवार्य रूप से संपर्क करें।
•मास्क का उपयोग करें, भीड़ भाड़ वाले स्थानों या समूह से दूरी बनाए रखें।
•कोरोना वायरस से अनावश्यक रूप से भयभीत होने की बजाय सावधानी व सतर्कता से बचाव करें।
•खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को रूमाल से ढकें।
•नाक, कान या मुंह को छूने से पहले और बाद में अपने हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह धोएं।
•खाना खाने से पहले व बाहर से आने पर अपने हाथ को साबुन से अच्छी तरह धोएं।
•अधिक मात्रा में तरल पदार्थ और पौष्टिक आहार का सेवन करें।
•विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा है कि कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने की दिशा में नियमित तौर पर हाथ धोना और स्वच्छता से रहना बेहद ज़रूरी कदम है।
•कोरोना से बचने के लिए एक दूसरे से दूरी बनाए रखें।
•सरकार के समस्त निर्देशों का निरंतर पालन करें।

हम सभी की महती भूमिका:-
आमतौर पर जब भी कोई प्राकृतिक संकट आता है तो कुछ देशों अथवा राज्यों तक ही सीमित रहता है लेकिन इस बार का संकट ऐसा है, जिसने विश्वभर की पूरी मानव जाति को संकट में डाल दिया है। इसलिए देश के प्रत्येक नागरिक को अब अच्छी तरह से समझ लेना चाहिए कि कोरोना के आसन्न खतरे को हल्के में लेना देश के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। दरअसल अभी तक विज्ञान कोरोना महामारी से बचने के लिए कोई निश्चित उपाय नहीं सुझा सका है और न ही इसकी कोई वैक्सीन बन पाई है। ऐसी स्थिति में भारत में कोरोना के गहराते खतरे को देखते हुए हर किसी की चिंता बढ़ना स्वाभाविक है क्योंकि भारत जैसे सवा अरब से भी अधिक आबादी वाले विकास के लिए प्रयत्नशील देश पर कोरोना का संकट कोई सामान्य बात नहीं है। कोरोना के इसी आसन्न खतरे को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक सप्ताह में दो बार राष्ट्र के नाम अपने संदेश में देशवासियों से बचाव के लिए संयम का संकल्प लेने का आव्हान किया और घरों से बाहर नहीं निकलने की अपील की है।
एक ओर जहां कोरोना का खतरा गहरा रहा है, वहीं सोशल मीडिया के जरिये कोरोना को लेकर बहुत सारी अफवाहें भी फैलाई जा रही हैं, कोरोना को लेकर मजाक बनाया जा रहा है, आज की परिस्थितियों को देखते यह सब ठीक नहीं है। सोशल मीडिया के इस तरह के दुरूपयोग पर लगाम लगाए जाने की जरूरत है। दुनियाभर के विशेषज्ञ एक स्वर में कह रहे हैं कि कोरोना की अब तक कोई वैक्सीन नहीं बनी है और न ही इसका कोई इलाज है, वहीं सोशल मीडिया के ‘महाज्ञानी’ लोग कोरोना को लेकर बेतुका ज्ञान बांट रहे हैं। कोई करेले का जूस पीने से कोरोना वायरस महज दो घंटे में लुप्त हो जाने का दावा करते हुए इस संदेश को तेजी से वायरल करने को कह कर रहा है तो कोई गौमूत्र के सेवन से कोरोना से बचने की सलाह दे रहा है। इसी प्रकार कुछ लोग लहसुन, प्याज, गर्म पानी, विटामिन सी, स्टेरॉयड, शराब इत्यादि के जरिये कोरोना को भगाने की उलजुलूल सलाह दे रहे हैं। नोवेल कोरोना श्वसन संबंधी रोग है और कोरोना वायरस को 75 प्रतिशत अल्कोहल छिड़कने तथा उससे साफ करने से ही मारा जा सकता है, शराब पीकर नहीं। आज के समय में सोशल मीडिया पर फैलती अफवाहों पर तत्काल प्रभाव से अंकुश लगाए जाने की सख्त जरूरत है। कई बार गलत सूचनाओं के कारण समाज में दहशत का माहौल भी बन जाता है। प्रत्येक नागरिक का कर्त्तव्य है कि देश को कोरोना के बड़े खतरे से बचाने के लिए ऐसी अफवाहों से बचते हुए केवल सरकार तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का ही पालन किया जाए। अच्छा होगा, अगर कोरोना को लेकर बेतुके ज्ञान बांटने के बजाय सोशल मीडिया प्लेटफार्म का लोगों को जागरूक करने के लिए बेहतर उपयोग किया जाए।
सुरक्षित रहिये ~ जागरूक रहिये ~ सतर्क रहिये ~ गंभीरता से सावधानी बरतिये ~ सरकार के नियमों का पालन करते हुये घर में मुस्तैद रहिये!
सबसे जरूरी बात हम सभी की सुरक्षा की खातिर अपनी जान जोखिम में डालकर 24×7 घंटे सेवारत समस्त प्रसाशनिक प्रहरी, हमारे पुलिसवाले,चिकित्सक,समस्त स्वास्थ्यकर्मी,सफाईकर्मी आदि सभी का सम्मान करते हुये उनकी बातों को मानते हुये दिल से उन्हें धन्यवाद कहें!

#शिवांकित तिवारी ‘शिवा’

परिचय–शिवांकित तिवारी का उपनाम ‘शिवा’ है। जन्म तारीख १ जनवरी १९९९ और जन्म स्थान-ग्राम-बिधुई खुर्द (जिला-सतना,म.प्र.)है। वर्तमान में जबलपुर (मध्यप्रदेश)में बसेरा है। मध्यप्रदेश के श्री तिवारी ने कक्षा १२वीं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की है,और जबलपुर से आयुर्वेद चिकित्सक की पढ़ाई जारी है। विद्यार्थी के रुप में कार्यरत होकर सामाजिक गतिविधि के निमित्त कुछ मित्रों के साथ संस्था शुरू की है,जो गरीब बच्चों की पढ़ाई,प्रबंधन,असहायों को रोजगार के अवसर,गरीब बहनों के विवाह में सहयोग, बुजुर्गों को आश्रय स्थान एवं रखरखाव की जिम्मेदारी आदि कार्य में सक्रिय हैं। आपकी लेखन विधा मूलतः काव्य तथा लेख है,जबकि ग़ज़ल लेखन पर प्रयासरत हैं। भाषा ज्ञान हिन्दी का है,और यही इनका सर्वस्व है। प्रकाशन के अंतर्गत किताब का कार्य जारी है। शौकिया लेखक होकर हिन्दी से प्यार निभाने वाले शिवा की रचनाओं को कई क्षेत्रीय पत्र-पत्रिकाओं तथा ऑनलाइन पत्रिकाओं में भी स्थान मिला है। इनको प्राप्त सम्मान में-‘हिन्दी का भक्त’ सर्वोच्च सम्मान एवं ‘हिन्दुस्तान महान है’ प्रथम सम्मान प्रमुख है। यह ब्लॉग पर भी लिखते हैं। इनकी विशेष उपलब्धि-भारत भूमि में पैदा होकर माँ हिन्दी का आश्रय पाना ही है। शिवांकित तिवारी की लेखनी का उद्देश्य-बस हिन्दी को वैश्विक स्तर पर सर्वश्रेष्ठता की श्रेणी में पहला स्थान दिलाना एवं माँ हिन्दी को ही आराध्यता के साथ व्यक्त कराना है। इनके लिए प्रेरणा पुंज-माँ हिन्दी,माँ शारदे,और बड़े भाई पं. अभिलाष तिवारी है। इनकी विशेषज्ञता-प्रेरणास्पद वक्ता,युवा कवि,सूत्रधार और हास्य अभिनय में है। बात की जाए रुचि की तो,कविता,लेख,पत्र-पत्रिकाएँ पढ़ना, प्रेरणादायी व्याख्यान देना,कवि सम्मेलन में शामिल करना,और आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति पर ध्यान देना है।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।