क्या कोरोना वायरस के चलते आवश्यक वस्तुओं पर नियन्त्रण चाहिए?

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  आवश्यक वस्तुओं पर ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण प्रशासनिक व्यवस्था पर कड़ा नियन्त्रण चाहिए?क्योंकि कोरोना से कहीं अधिक भ्रष्टाचार घातक है।जो राष्ट्र को दीमक की भांति अंदर ही अंदर खाए जा रहा है।
  रही बात आवश्यक वस्तुओं की तो जान से अधिक कुछ भी आवश्यक नहीं है।परंतु यह भारत है,जो सदियों से दूसरों के अधीन रहा है और दासता का अभ्यस्त हो चुका है।जो 70 वर्ष की स्वतंत्रता के बावजूद दासता का भूत हृदय में समाया हुआ है।इसलिए काला बजारी आम बात है।जिससे अछूता कोई-कोई है और जो अछूते हैं,उन्हें दुत्कारा हुआ है।स्वार्थ अत्यंत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।जिसके चलते राष्ट्र निर्माण की प्रेरणा में कमीं आ रही है।पैसा मां,पैसा बाप और पैसा ही सब कुछ माना जा रहा है।जो स्वार्थ के लिए गधे को बाप बनाने से भी पीछे नहीं हटते।     
  इसलिए 'कोरोना' कोहराम मचाते हुए विश्व को संदेश दे रहा है कि प्रकृति से मत खेलो।अन्यथा प्रकृति आपसे खेलेगी।कोरोना यह संदेश भी दे रहा है कि आधुनिक विज्ञान कितना भी विकास कर चुका है।किंतु प्रकृति से शक्तिशाली नहीं है।अतः भ्रष्टाचारियों को भ्रष्टाचार से तौबा कर मानवता व न्याय की ओर अग्रसर होना चाहिए।

#इंदु भूषण बाली

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।