क्यों न बदलें शहरों के नाम ???

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vaishwik

जब भी मैं भारत बने भारत अभियान का प्रस्तुतीकरण करती हूँ, जब मैं कहती हूं कि अपने देश के लिए सिर्फ एक ही नाम प्रचलित हो “भारत” तो जो हृदय से भारतीय हैं वे इसे सहर्ष स्वीकार करते हैं बिना किसी कुतर्क के पर हजारों में कोई एक सिरफिरा इंडियन जरूर यह सवाल करता है कि क्यों, भारत ही क्यों?
आजकल पूरे देश में
बदलने की पहल हो रही है। यह पहल प्रबुद्ध लोगों की आलोचना का शिकार भी हो रही है। ऐसे लोगों के सवाल का जवाब देने की बजाय मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि क्यों ना बदलें?

क्या कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के बुरे दिनों को याद रखना चाहता है?
क्या दुर्घटनाओं की तस्वीरों से घर सजाए जाते हैं?
क्या बुरे सपनों को बार-बार स्मरण किया जाता है?

इस विषय पर मेरा बहुत स्पष्ट मत है कि यदि कोई शहर मूलतः मुगलों या अंग्रेजों द्वारा बसाया गया हो तो उनके द्वारा दिया गया नाम यथावत रहना चाहिए लेकिन यदि उन्होंने अपने शासनकाल में हमारे प्राचीन समृद्ध, गौरवशाली इतिहास को मिटाने के लिए भारतीय भाषाओं में प्रचलित पुराने नामों को मिटाकर अपने नाम स्थापित किए हों तो आज वे अवश्य ही बदले जाने चाहिए। हमें हक है कि आक्रांताओं द्वारा रौंदे गए समृद्ध, गौरवशाली इतिहास को पुनः उजागर और पुनर्स्थापित करें।

#विजयलक्ष्‍मी जैन

matruadmin

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मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।