
हम होली के हमजोली है, इस होली में हमजोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
उल्लास भरी पिचकारी से, इक दूजे पर हम वार करें
लें हाथ पकड़ इक दूजे का, ये जीवन नैया पार करें
ना बन्धन ना कोई पहरा है,दिल मेरा तेरी ही खोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
हाथों में रंग गुलाल लिए, क्यो दूर खड़ी शरमाती हो
नैंनों से बाण चलाती हो, यूं देख मुझे इठलाती हो
बस दूर दूर रह करके क्यूं, तू यूं कर रही ठिठोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
अधरों का रंग अलग दिखता, आंखें रंगीन सी लगती है
हाथों की मेंहदी रंग अलग, और पांव महावर दिखती है
तेरे पैरों की छाप जहां, यूं लगे बनी रंगोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
आज रहूं मैं ना खुद मैं, तू भी तो खुद को ना पाये
इक दूजे में यूं खो जायें, कि मै और तुम हम हो जायें
मिल करके यूं मदहोश हुआ, तू लगे भांग की गोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
ना रंग लगा उन गालों पर ,बस छूने से ही लाल हुए
बाहों का हार उन्हें पहना कर हम तो आज निहाल हुए
आलिंगन से यूं शरमा गई, जैसे वो बैठी डोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
अपने अधरों का रंग लगा कर, अपने रंग में रंग गई वो
रंग लगा पर दिखता ना, जाने क्या जादू कर गई वो
इक बूंद कहीं ज्यादा न गिरा, यूं लगे कि जैसे तोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
ना लाल लगा ना पीला कर, ना ही वस्त्रों को गीला कर
ना गाल गुलाल लगाया कर, ना ब्यूटी पार्लर जाया कर
तेरे सुर्ख कपोलों के आगे, फीके सब कुमकुम रोली हैं
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
पीड़ा अन्तर्मन की छोड़ों खुशियां ही खुशियां हो जायें
आ प्यार के रंग में ऐसे रंग, हम इक दूजे में खो जायें
बस रंग ही रंग भरें इसमें, जीवन रंगो की झोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
अब भाव समर्पण का रखकरहम खुद को यूं तैयार करें
सांसों से सांस मिला करके, आ जा नजरों से प्यार करें
मायूस लगे मासूम दिखे, सूरत वो कितनी भोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
आज लिखूं अंगो पे तेरे, मैं होठों से अपने कविता
कितना सुखदायक मंगलमय, होली का ये पल बीता
होली पावन ‘एहसास’ किया,होली हो मुबारक बोली है
जीवन भर खुशियों के रंग से, हम होली के हमजोली है
अजय एहसास
अम्बेडकर नगर (उ०प्र०)