प्रेरणा परिवार काव्य गोष्ठी

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हिसार |

नवोदित लेखकों को मंच प्रदान कराने के उद्देश्य से पिछले इक्कीस साल से चलाए जा रहे मासिक काव्य गोष्ठी कार्यक्रम के अन्तर्गत नगर की प्रमुख साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था प्रेरणा परिवार की फरवरी माह की मासिक काव्य गोष्ठी स्थानीय टाऊन पार्क मे संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ की अध्यक्षता में आयोजित की बतौर मुख्य अतिथि प्रिंसीपल अशोक कुमार गर्ग “बंधु” उपस्थित रहे। मन्च संचालन जयभगवान लाडवाल ने किया । ।
कवि अशोक कुमार “बंधु”की कविता ये थी,
सावित्रीबाई,दूर्गा भाभी, इंदिरा और मदर टेरेसा।
दृढ़ संकल्प के बल पर जिसने साहस ना अपना छोड़ा।
जयभगवान लाडवाल ने अपनी रचना ऐसे सुनाई
कपड़ा निखरता है धोने के बाद,
आदमी के गुणों का पता चलता है खोने के बाद।
जयसिंह रावत ने गो पालकों पर तंज़ कसते हुए कहा
खिलाया नहीं चारा गऊओं को खुद ही सारा चर गए
शर्मिंदा है लालू, बनाया था रिकॉर्ड वह भी तोड़ गए।
मास्टर जयभगवान यादव ने होली पर रचना सुनाई
चारों तरफ देखा घूमकर मचा होली का हुड़दंग।
कोए पी रहा दारु,सुल्फा कोए पी रहा भंग।
कृष्ण कुमार इंदौरा की रचना देखिए,
फलक हो या जमीं बिजलियों का खोफ है।
मगर मेरे मौहल्ले में तो तेरी जुल्फों का रोब है।।
संस्था निदेशक शुभकरण गौड़ के भाव
ऐसे थे
यूं तो मेरे शहर का मौसम रहता है खुशनुमा।
बस पड़ोसी शहर की आबो-हवा ही ख़राब है।।
इस अवसर पर सतपाल शर्मा, राजेंद्र अग्रवाल, अमित कुमार दीपक जांगड़ा ने भी अपनी कविता सुनाई।

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