
खतरा बना आज यह भारी,विश्व प्रताड़ित है सारा।
देखो कर लो गौर मानवी, मनु विकास इससे हारा।
देश देश में उन्मादी नर, आतंकी बन जाते हैं।
धर्म वाद आधार बना कर, धन दौलत पा जाते हैं।
भाई चारा तोड़ आपसी, सद्भावों को मिटा रहे।
हो,अशांत परिवेश समाजी,अपनों को ये पिटा रहे।
भय आतंकवाद का खतरा, दुनिया में मँडराता है।
पाक पड़ौसी इनको निशदिन,देखो गले लगाता है।
मानवता के शत्रु बने ये,जो खुद के भी सगे नहीं।
कट्टरता उन्माद खून में, गद्दारी की लहर बही।
बम विस्फोटों से बारूदी,करे धमाके नित नाशक।
मानव बम भी यह बन जाते, आतंकी ऐसे पातक।
अपहरणों की नित्य कथाएँ, हत्या लूट डकैती की।
करें तस्करी चोरी करते, आदत जिन्हे फिरौती की।
मादक द्रव्य रखें, पहुँचाए,हथियारों का नित धंधे।
आतंकी उन्मादी होकर, बन जाते है मति अंधे।
रूस चीन जापान ब्रिटानी,अमरीका तक फैल रहे।
भारत की स्वर्गिक घाटी में,देखें सज्जन दहल रहे।
बने सख्त कानून विश्व में, मारें बिन सुनवाई के।
मानवता भू रहे शांति पथ, हित देखो जगताई के।
जेल भरे मत बैठो इनसे, रक्षा खातिर बंद करो।
वैदेशिक नीति कुछ बदलो, तुष्टिकरण पाबंद करो।
गोली का उत्तर तोपों से, अब तो हमको देना है।
मानवता को घाव दिए जो, उनका बदला लेना है।
गोली मारो फाँसी टाँगो, प्रजा हवाले इन्हे करो।
उड़ा तोप से सभी ठिकाने,कहदो अपनी मौत मरो।
जगें देश मानवता हित में, सोच बनालें सब ऐसी।
करो सफाया आतंकी का, सूत्र निकालो अन्वेषी।
मिलें देश सब संकल्पित हों, आतंकी जाड़े खोएँ।
विश्वराज्य की करें कल्पना,बीज विकासी ही बोएँ।
नाम–बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः