संस्कृति विभाग की मनमानी से हुआ महात्मा गाँधी का अपमान, मातृभाषा उन्नयन संस्थान से दिया ज्ञापन

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इंदौर।

शनिवार को भोपाल में संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित कवि प्रदीप सम्मान समारोह में वर्ष 2018 के लिए अशोक चक्रधर का चयन करते हुए एक कार्यक्रम आयोजित किया जिसमें प्रचार सामग्रियों एवं विज्ञापनों से भी कवि प्रदीप का फोटो तक गायब रहा इसके साथ ही लखीमपुर के कवि आशीष अनल द्वारा कवि प्रदीप के गीत ‘दे दी हमें आज़ादी…’ के माध्यम से महात्मा गाँधी का अपमान किया गया। शासकीय कार्यक्रम में भी यदि राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के बलिदानों का खुले तौर पर मखौल उड़ाया जाएं और इसके बावजूद सरकार या विभाग द्वारा कोई प्रतिक्रिया न देना, निश्चित तौर पर विभागीय संलिप्तता का अंदेशा देती है।
महात्मा गाँधी व कवि प्रदीप के अपमान से मातृभाषा उन्नयन संस्थान व हिंदी प्रेमी आहत हुए है। उन्होंने इसी के तहत राज्यपाल लालजी टंडन, मुख्यमंत्री कमलनाथ व संस्कृति मंत्री विजयलक्ष्मी साधो के नाम इंदौर संभाग आयुक्त को संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ‘अविचल’ के नेतृत्व में हिंदीप्रेमियों द्वारा डिप्टी कमिश्नर सुश्री सपना पंकज सोलंकी को ज्ञापन सौंपा।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अर्पण जैन ने बताया कि ‘भारत जैसे राष्ट्र में ही महात्मा गाँधी का मखौल उड़ाया जाएं और इसके साथ ही कवि प्रदीप की पुत्री की मौजूदगी में भी उनके चित्र को प्रचार सामग्री आदि में छापना, यह शासकीय तंत्र की अवहेलना हैं। इसमें जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध न्यायोचित कार्यवाही होनी चाहिए।’
ज्ञापन के दौरान मनोज तिवारी, दाऊद कुरेशी सहित पत्रकारों एवं सैकड़ों हिंदी प्रेमियों की उपस्थिति रहीं।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।