Read Time0Seconds

बिक रहे हैं हर घड़ी, ये कैसा अभिमान है..
सविधान दिवस पर ही, सविंधान का अपमान है..
जनता ठगी थी, ठगी की ठगी ही रह गई…
कहीं कुर्सी का मलाल, कहीं कुर्सी का अरमान है…
# सचिन राणा “हीरो”
हरिद्वार (उत्तराखंड)
0
0
Post Views:
337