गगनांगना छंद विधान

0 0
Read Time3 Minute, 19 Second


मापनी मुक्त सम मात्रिक छंद है यह।
१६,९ मात्रा पर यति अनिवार्य चरणांत २१२
दो चरण सम तुकांत,चार चरण का छंद
{सुविधा हेतु चौपाई+नौ मात्रा(तुकांत२१२)}
. शरद पूनम
. 🌕
सागर मंथन अमरित पाकर,विषघट त्यागते।
अमर हुये सब देव दिवाकर, शिव घट धारते।
सूरज देता दिवस उजाला, ऊर्जा जानिये।
चंद्र चंद्रिका अमृत प्याला, बरसे मानिये।
. 🌕
शरद काल की है सूचकता, पूनम आज की।
भोज खीर तन रहे दमकता,सजते साज की।
पथ्य अपथ्य परखना खाना,अमरित खीर है।
मेवा मिश्री चाँवल पय में, सब का सीर है।
. 🌕
करता ही रहता हूँ अपने, मन से मंत्रणा।
क्यों देता कब कौन किसी को, ताने यंत्रणा।
बिकते सारे खुले गरल प्रभु, द्वय हर हाट में।
सूर्य शक्ति चंदा अमरित दे, जब दिन रात में।
. 🌕
दाता के दर भज गुरु सादर, हरि मनमीत है।
भज हरि भावन गीत मनोहर, शुभ संगीत है।
खीर बनाकर रखो चाँदनी, अमरित योग है।
अर्द्ध रात को, भोग लगाओ, मिटते रोग है।
. 🌕
पुण्य शरद की पूनम आई, कर ले आरती।
ऋतुसम पवन भाव सुखदाई, धरती भारती।
खावें खीर, बना साथी फिर, कर आराधना।
चंद्र चंद्रिका इमरत बरसे, कर शशि साधना।
. 🌕
माँ कमला भंडार भरेंगी, पूनम को सखे।
श्री विष्णो के संगत आएँ, पय उनको रखें।
रखना क्षीर अमृत बरसेगा, आधी रात को।
सबसे ही साझी कर लेना, साथी बात को।
. 🌕
श्वाँस दमा के रोगी भोगी, खायें खीर जो।
भारत भूमि रही अभिमानी,पायें वीर जो।
चंद्र किरण देती संदेशे, धारो धीरता।
मात भारती हित बलिदानी, मानो वीरता।
. 🌕
खीर प्रथम पकवान हमारे, वैदिक काल से।
सभी खिलायें आज सजाएँ, चंदा थाल से।
भारत की यह रीत पुरानी, सब पहचानिये।
चंद्र,धरा का नेह मनुज का, मातुल मानिये।

नाम–बाबू लाल शर्मा 
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः 

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

प्रयोग के नाम पर निराश किया शिव गोंसाई ने, लाल कप्तान

Sat Oct 19 , 2019
लाल कप्तान फ़िल्म समीक्षक इदरीस खत्री द्वारा समीक्षा निर्देशक-नवदीप सिंह अदाकार-सैफ अली, दीपक डोबरियाल, ज़ोया हुसैन, मानव विच, सिमोन सिंह, सौरभ सचदेव संगीत-समीरा कोप्पिकर फ़िल्म से पहले एक चर्चा भारतीय सिनेमा में पहली बार किसी नागा साधु का किरदार सैफ अली द्वारा निभाया जा रहा है, पाइरेट्स के जैक स्पैरो […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।