दशानन

0 0
Read Time2 Minute, 17 Second

हर वर्ष दशानन का दहन
हैं होता
पर वो तो
मानव के मन में जीवित
अमरता हैं लियें हुए
वो तो एक अपराध(पाप)कर
घोर अपराधी(पापी)घोषित हुआ
हम नित प्रति ही
अपराध हैं करते
और मासूम ही रहते
उस दशानन को भी है इंतेज़ार
कब होगा कलयुग में
राम अवतार
जो कर सके
ईष्या, द्वेष, लोभ,मोह
और भष्टाचार व पापियों
का संहार
जीवन भर त्यागी बन कर
राम रहे महलों में
पीड़ा सहकर भी
धैर्य और कर्म निभाया
मर्यादा न छोड़ी
मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाए
वो दशानन भी सोचे
यहां तो घर घर में रावण
राम कहीं न पाऊं
फिर भी हर एक ये सोचे
जला रावण को
विजय मैं हो जाऊं। ।

#शालिनी खरे

परिचय- नाम :-शालिनी खरेपति :-श्री शैलेन्द्र खरे शिक्षा :-एम.ए (हिन्दी साहित्य )लेखन विधाएँ :-कहानी/कविता/लेख/लघुकथा/बाल साहित्य/ व्यंग्यप्रकाशन:-विभिन्न  पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएँ प्रकाशित।प्रकाशित कृति:-“चाँदी के मोती ”                           (काव्य संग्रह)प्रसारण:-आकाशवाणी, भोपाल,दूरदर्शन भोपालसम्मान:-पूर्वोत्तर हिन्दी अकादमी शिलांग(मेघालय)द्वारा “डॉ.महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान”-2017“साहित्य समीर दस्तक”,भोपाल द्वारा “साहित्य गौरव, सम्मान 2017  विश्व हिन्दी रचनाकार मंच द्वारा “नारी सागर सम्मान”,के.बी.हिन्दी साहित्य समिति बिसौली बदायूँ उ.प्र.द्वारा “कीर्ति चौधरी स्मृति सम्मान सम्मान”2018विशेष:-बच्चों के प्रोत्साहन हेतु स्कूलों में कार्यशालास्कूलों में कार्यशाला में निणार्यक की भूमिकापता:-  भोपाल (मध्यप्रदेश)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

करवाचौथ पर मेरे पति

Fri Oct 18 , 2019
भला है,बुरा है,मेरा पति मेरा सुहाग मेरा ख़िताब तो है भले ही पन्ने पुराने हो, वो मेरे दिल की किताब तो है क्यों निहारु दूर के चाँद को,जब मेरा चाँद मेरे पास है करता है मेरी पूरी तमन्ना,यही मेरे जीवन की आस है ये चंदा तो रोज घटता बढ़ता,कभी छुप […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।