
जीवन में अगर जीना है तो ,
पढ़ना ही पड़ेगा ,
जीवन है अगर जहर तो ,
पीना ही पड़ेगा !
अगर जीवन से अभी खेलोगो तो ,
कभी रोना ही पड़ेगा ,
जीवन है एक फूल तो ,
दर्द सहना ही पड़ेगा !
अच्छे बात बुरा लगेगा तो ,
कोई बात ही नहीं ,
अगर मै बुरा हूं तो ,
मुझे मना ही कर दो !
आप कौन है क्यों समझाते हैं ,
आपको मुझसे मतलब ही नहीं है ,
मेरी जो भी जी करेगा ,
मै वहीं ही करूगी !
ऐसा होने से तुम मेरा ,
कुछ ना कुछ कर पाओगी ,
अपना विश्वास जीवन भर के लिए ,
समाप्त कर जाओगी !
कोई ना आएगा तुमको पूछने ,
जीवन भर आंसू टपक टपक ,
रोकर सबसे जुदा हो ,
जाओगी !
#रूपेश कुमार
छात्र एव युवा साहित्यकारजन्म – 10/05/1991शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी , इसाई धर्म(डीपलोमा) , ए.डी.सी.ए (कम्युटर)बी.एड (अध्ययनरत)( महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी)वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !विभिन्न राष्ट्रिय पत्र पत्रिकाओ मे कविता,कहानी,गजल प्रकाशित !कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !चैनपुर,सीवान बिहार – 841203