नारी रत्न अमूल्य धरा पर।
ईश्वर रूप सकल सचराचर।।
राम कृष्ण जन्माने वाली।
सृष्टि धर्म की सत प्रतिपाली।।१
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बेटी बहिन मात अरु दारा।
हर प्रतिरूप मनुज उद्धारा।।
नारी जग परहित तन धारी।
सुख दुख पीड़ा सहे दुधारी।।२
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द्वय घर की सब जिम्मेदारी।
बिटिया वहन करे वह सारी।।
पढ़ी लिखी जब होती नारी।
दो दो घर बनते संस्कारी।।३
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शान मान अरमान हमारी।
सुता बहिन पत्नी माँ नारी।।
त्याग मान मर्यादा मूरत।
हर नारी के झलके सूरत।।४
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शक्ति प्रदाता होती नारी।
बल पौरुष सर्वस दातारी।।
देश धरा अरु धर्म बचाती।
नारी हर कर्तव्य निभाती।।५
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सृष्टि चक्र संबल महतारी।
विधि ने रची धरा सम नारी।।
आदि शक्ति से मनु तन धारी।
रचे प्रथम नर अरु विधि नारी।।६
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नारी है हर नर की माता।
मानव तन की जीवन दाता।।
देव शक्ति बहु महापुरुष जन।
सृजित किए नारी ने जीवन।।७
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जीव जगत में है बहु प्राणी।
नारी है जग में कल्याणी।।
धीर धरा सम तन तपशीला।
नारी तन अनुपम प्रभु लीला।।८
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मनुज अंश धारे निज तन में।
निज जीवन भय करे न मन में।।
उदर भार सहती नौ महिने।
पीड़ा प्रसव अपरिमित सहने।।९
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नहीं धरा पर अस तन त्यागी।
नारि शक्ति जग हित बड़भागी।।
शिशु का पालन बहु कठिनाई।
सहज निभाए यथा मिताई।।१०
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सबला बन कर रहना नारी।
तव तन शक्ति छिपी है भारी।।
नर नारी द्वय रथ के पहिये।
कर सम्मान सुखी नर रहिये।।११
नाम–बाबू लाल शर्मा
साहित्यिक उपनाम- बौहरा
जन्म स्थान – सिकन्दरा, दौसा(राज.)
वर्तमान पता- सिकन्दरा, दौसा (राज.)
राज्य- राजस्थान
शिक्षा-M.A, B.ED.
कार्यक्षेत्र- व.अध्यापक,राजकीय सेवा
सामाजिक क्षेत्र- बेटी बचाओ ..बेटी पढाओ अभियान,सामाजिक सुधार
लेखन विधा -कविता, कहानी,उपन्यास,दोहे
सम्मान-शिक्षा एवं साक्षरता के क्षेत्र मे पुरस्कृत
अन्य उपलब्धियाँ- स्वैच्छिक.. बेटी बचाओ.. बेटी पढाओ अभियान
लेखन का उद्देश्य-विद्यार्थी-बेटियों के हितार्थ,हिन्दी सेवा एवं स्वान्तः सुखायः