अग्रप्रर्वतक महाराजा अग्रसेन जी

0 0
Read Time2 Minute, 50 Second

पाँच हजार वर्ष पूर्व भारत में जन्मे एक दिव्य महान,
वैभवशाली महाराजा अग्रसेन जी अग्रवंश के भगवान।

प्रताप नगर के राजा अग्रसेन जी अग्रोहा जिनकी धाम,
प्रेम, त्याग, करुणा की प्रतिमूर्ति जन सेवा करना काम।

धनपाल के पौत्र अग्रसेन जी राजा वल्लभ की संतान,
प्रताप नगर के राजा थे सत्य-अंहिसा के प्रतिमान।

अग्रकुल देवी महालक्ष्मी के उपासक किये काम महान,
दीन-दुखियों की सेवा करना, उच्च गुणों की खान।

एक ईंट एक रुपया दे सबको भेदभाव किया समाप्त,
अमीर-गरीब को एकसूत्र में पिरोना था बस पर्याप्त।

सोलह विवाह किये मगर माधवी थी उनकी प्यारी,
आठ भाई एक बहिन मुकुटा थी उन सबकी दुलारी।

पशुबलि से घृणित हुये अठारह यज्ञ न हो सका पूरा,
यज्ञ के आधार पे गोत्र रखे मगर गोयन रह गया अधूरा।

अग्रप्रर्वतक महाराजा अग्रसेन सबकी आँखों के तारे,
पराक्रमी राजा शूरसेन अग्रसेन को पूजे अग्रवाल सारे।

जीओ व जीने दो में है सम्पूर्ण मानवता का कल्याण,
ऐसे सिद्धांतों की दास्तान थे वो जीते जागते प्रमाण।

गर्व हमें अग्रवाल होने पर हम अग्रकुल की संतान,
हमारे वैश्य समाज की ताकत एकजुटता ही उत्थान।

#सुमन अग्रवाल “सागरिका”
आगरा(उत्तरप्रदेश)
नाम :- सुमन अग्रवाल

पिता का नाम :- श्री रामजी लाल सिंघल
माता का नाम :- श्रीमती उर्मिला देवी
शिक्षा :-बी. ए.
व्यवसाय :- हाउस वाइफ
प्रकाशित रचनाएँ :-
प्रकाशित रचनाओं का विवरण :-
1.अग्रवंश दर्पण :-“नारी सुरक्षा चूंक कहाँ “, “महिला सशक्तिकरण “, “500-1000 के नोट बाय-बाय”, “दहेज प्रथा”, “अग्रप्रर्वतक महाराज अग्रसेन जी पर कविता” इत्यादि।
2.हिचकी :- “ये होली का त्यौहार”
3.D.L.A :- “आतंकवाद”, “बालदिवस”, “करवा चौथ”, आतंक का साया, “नववर्ष मुबारक”, “राष्ट्रप्रेमी” इत्यादि।
4.नारी शक्ति सागर :- “ग़ज़ल”

वर्तमान अंकुर नोएडा :- “घर-परिवार, नारी शक्ति, भारतीय लोकतंत्र
साहित्य एक्सप्रेस में – नव संवत्सर
6.सहित्यापीडिया :- माँ

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

युग प्रेरक ग्रंथः महात्मायन और राष्ट्रमाता कस्तूरबा

Sun Sep 29 , 2019
150 वें जन्मशती वर्ष में वैचारिक भाव सुमन महात्मा गांधी के व्यक्तित्व,कृतित्व और अवदान पर आज भी लेखकों की लेखनी रूकी नहीं है, कवियों और वक्ताओं की वाणी थमी नहीं है। चिंतकों की चिंतनधारा कुंद या मंद नहीं हुई है। कर्मनिष्ठा,भावनिष्ठा और त्यागनिष्ठा को चरितार्थ कर गांधी ने एक ऐसी […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।