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सावन आया हर्षित
सुरभित चहुँ दिशाएं
मन्द मन्द मुस्काती पवनें
घुमड़ घुमड़ आयी घटाएं
चम चम चम बिजरया चमके
खेत मगन लहरायें
आओ ऋतुवर जमकर बरसो
मन मयूर पंख फैलाएं
स्वागत करते नदी और पर्वत
उमंग से बांह फैलाएं
सहज सरल अविनाशी भोले पर
आओ श्रद्धा सुमन चढ़ाएं
हम प्रेम रस बरसायें
बम बम भोले को मनाएं
#अविनाश तिवारीजांजगीर चाम्पा(छत्तीसगढ़)
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