जंगल उजड़

0 0
Read Time2 Minute, 8 Second
mrudula shukla
1- मंगल होते थे कभी जंगलों में नित-नित,
धरा बंजर हुई जंगल उजड़ गए।
पक्षियों के कलरव  कोयल की कुहू-कुहू,
चीड़, सागौन कटे घोसले उजड़ गए।।
पानी के बिना ही सारी सृष्टि का संकट बढ़ा,
चन्द पैसों के लिए प्राणी ही उजड़ गए।
शूल स्वयं बोते नर लालच में पड़कर,
वन उजड़े खग-मृग भी उजड़ गए।।
2–वृक्ष न रहे धरा पे जग न रहेगा यह,
पशु,पक्षी,प्राणियों का अन्त ही आ जायेगा।
अन्न,फल,फूल,छाया कुछ न रहेगा शेष,
सूरज का अति कोप जग में आ जायेगा।।
जन-जन पूर्ण करे निज कर्तव्य सदा,
वृक्षों की लगें कतार जीवन आ जायेगा।
बाग-बगीचों में खूब हरियाली लहराए,
कटते रहे जो वृक्ष भूचाल आ जायेगा।।
3–फल,फूल,मेवे के हैं भण्डार भरे ये वृक्ष,
नित्य प्रदूषण हर शुद्ध वायु देते हैं।
स्वयं नहीं खाते यह पर उपकारी वृक्ष,
छाया, पत्र, पुष्प, फल दान कर देते हैं।।
इनके ही कारण हैं नभ में सुहाते मेघ,
वर्षा सुहानी लाकर हरियाली देते हैं।
तन-मन हर्षित हों वृक्षों को लगाएँ खूब,
धरती माँ का श्रृंगार वृक्ष कर देते हैं।।
4–आम,नीम, कटहल के खूब लगाओ वृक्ष,
वृक्षों को लगा के खूब दौलत कमाओगे।
वृक्ष काटकर नहीं वृक्ष आरोपित कर,
सारे जगत का तुम जीवन बचाओगे।।
स्वास्थ्य बने उत्तम औ देव भी प्रसन्न होवें,
धरती माँ को अद्भुत स्वर्ग बनाओगे।
सूरज की तपन में राही को आराम देते,
वृक्ष रोपित कर आशीष खूब पाओगे।।
#डॉ. मृदुला शुक्ला “मृदु”
लखीमपुर-खीरी(उत्तरप्रदेश)

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

पर्यावरण कैसे बचेगा ?

Wed Jun 5 , 2019
सब कुछ करते अपने मन से। कुछ तो करो दुसरो के लिए काम। जिसमें हो सब की भलाई कुछ तो करो ऐसे तुम काम। लगाओ पेड़ पौधे और करो लोगों का जीवन खुश हाल।। अगर रहेगा हराभारा देश हमारा । तो जन जीवन होगा सदा समान । बिना किसी बीमारी […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।