जंगल उजड़

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mrudula shukla
1- मंगल होते थे कभी जंगलों में नित-नित,
धरा बंजर हुई जंगल उजड़ गए।
पक्षियों के कलरव  कोयल की कुहू-कुहू,
चीड़, सागौन कटे घोसले उजड़ गए।।
पानी के बिना ही सारी सृष्टि का संकट बढ़ा,
चन्द पैसों के लिए प्राणी ही उजड़ गए।
शूल स्वयं बोते नर लालच में पड़कर,
वन उजड़े खग-मृग भी उजड़ गए।।
2–वृक्ष न रहे धरा पे जग न रहेगा यह,
पशु,पक्षी,प्राणियों का अन्त ही आ जायेगा।
अन्न,फल,फूल,छाया कुछ न रहेगा शेष,
सूरज का अति कोप जग में आ जायेगा।।
जन-जन पूर्ण करे निज कर्तव्य सदा,
वृक्षों की लगें कतार जीवन आ जायेगा।
बाग-बगीचों में खूब हरियाली लहराए,
कटते रहे जो वृक्ष भूचाल आ जायेगा।।
3–फल,फूल,मेवे के हैं भण्डार भरे ये वृक्ष,
नित्य प्रदूषण हर शुद्ध वायु देते हैं।
स्वयं नहीं खाते यह पर उपकारी वृक्ष,
छाया, पत्र, पुष्प, फल दान कर देते हैं।।
इनके ही कारण हैं नभ में सुहाते मेघ,
वर्षा सुहानी लाकर हरियाली देते हैं।
तन-मन हर्षित हों वृक्षों को लगाएँ खूब,
धरती माँ का श्रृंगार वृक्ष कर देते हैं।।
4–आम,नीम, कटहल के खूब लगाओ वृक्ष,
वृक्षों को लगा के खूब दौलत कमाओगे।
वृक्ष काटकर नहीं वृक्ष आरोपित कर,
सारे जगत का तुम जीवन बचाओगे।।
स्वास्थ्य बने उत्तम औ देव भी प्रसन्न होवें,
धरती माँ को अद्भुत स्वर्ग बनाओगे।
सूरज की तपन में राही को आराम देते,
वृक्ष रोपित कर आशीष खूब पाओगे।।
#डॉ. मृदुला शुक्ला “मृदु”
लखीमपुर-खीरी(उत्तरप्रदेश)

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।