तिनसुकिया साहित्य संगम संस्थान के पदाधिकारियों की वार्षिकोत्सव को लेकर बैठक संपन्न हुई

0 0
Read Time3 Minute, 51 Second

*साहित्य के क्षेत्र में अनूठा होगा तिनसुकिया का यह साहित्यिक आयोजन- संजय त्रिवेदी* 

१० मई/तिनसुकिया संवाद/ 
साहित्य संगम संस्थान तिनसुकिया शाखा के पदाधिकारियों की वार्षिकोत्सव की तैयारियों को लेकर आज तिनसुकिया में एक मीटिंग हुई । मीटिंग की अध्यक्षता साहित्य संगम संस्थान तिनसुकिया शाखा के अध्यक्ष प्रतिष्ठित व्यवसायी संजय त्रिवेदी जी ने की । तिनसुकिया साहित्य संगम संस्थान की सचिव सुचि संदीप सहित कार्यक्रम संयोजिका इंदु शर्मा शचि ने पूरे आयोजन को भव्य बनाने के लिए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर परिचर्चा की । उमी जालान, माया चौबे, जूली अग्रवाल सहित कई पदाधिकारियों ने अतिथियों के आवास-भोजन, मंच और हॉल की व्यवस्था आदि पर विस्तृत विचार विमर्श किया । इस गोष्ठी ने वार्षिकोत्सव के आयोजन में हर्षोल्लास का वातावरण उत्पन्न कर दिया है । जिससे न केवल तिनसुकिया समिति के पदाधिकारी अपितु पूरे देश के साहित्य संगम संस्थान के साहित्यकार उत्साहित हैं । इस आयोजन में महत् आर्थिक व्यय होने की संभवना है, जिसको लेकर संस्थान की राष्ट्रीय समिति चिंतित है पर विश्वास यह है कि जो भी अच्छा कार्य किया जाता है वह पूर्ण अवश्य होता है । ईश्वर सदा सहायता करते हैं । साहित्य संगम संस्थान मीडिया प्रकोष्ठ से  राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी  राजेश पुरोहित जी लोकसभा चुनावों में व्यस्त रहते हुए भी संस्थान के समाचारों के लिए जागरूक हैं । मीडिया विभाग में युवा शक्ति का प्रतिनिधित्व करने वाले अनुज नवीन ने दो किताबें प्रकाशित की हैं जिनके विमोचन की भी संभावना इस कार्यक्रम में की जा रही है । इस अवसर पर आ०चंद्रपाल सिंह चंद्र जी द्वारा संपादित योग संगम विशेषांक सहित कई साहित्यकारों के काव्यमेधों का विमोचन भी होने की पूरी संभावना है । पूर्वोत्तर की पृष्ठभूमि पर आधारित *बरनाली* साझा उपन्यास का लोकार्पण इसकी डायरेक्टर डॉ राजलक्ष्मी शिवहरे जबलपुर के करमलों होगा । इस समाचार से बरनाली की संपादक तिनसुकिया शाखा की सचिव डॉ सुचि संदीप अत्यंत उत्साहित हैं ।

*वार्षिकोत्सव में प्रदान की जाने वाली विद्यावाचस्पति/डेक्ट्रेट की मानद उपाधि के लिए भारी संख्या में साहित्यिक बायोडाटा आए हैं । साहित्यिक बायोडाटा जमा कराने की आज अंतिम तिथि है । इन बायोडाटा और साहित्यकारों की सक्रियता को देखते हुए निर्णय समिति निर्धारित करेगी कि किसे-किसे यह मानद उपाधि प्रदान की जाए ।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हम क्या से क्या हो गये 

Fri May 10 , 2019
हम क्या से क्या हो गये भ्रम में पड़े बीमार हो गये हिंदू-मुस्लिम करते-करते खूनी दंगों के शिकार हो गये मंदिर-मस्जिद बनाते-बनाते हम स्वयं के घर से बेघर हो गये सही क्या और गलत क्या पता लगाते-लगाते गुम हो गये छलावे से भरा रौनकी बाजार झूठे यहाँ माला-माल हो गये […]

पसंदीदा साहित्य

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।