कायर नहीं हूँ माँ मैं बदला लेने आऊंगा

0 0
Read Time1 Minute, 41 Second
ashok sapada
श्रद्धाजंलि गढ़चिरौली में शहीद हुए सभी पोलिस के जवानों को नक्सलियों के हमलें में जो शहीद हुये ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ती प्रदान करें प्रस्तुत है मेरी यह कविता की 
कायर नहीं हूँ माँ मैं बदला लेने आऊँगा
अमर जवान हूँ मरता नहीं ये बतलाऊँगा
घात लगा मारा कायर ने कुटिल चाल से
पर तेरा बेटा हूँ वीर मैं यह दिखलाऊँगा
मरकर भी माँ कभी हम मरतें नहीं यहाँ
बस खो गया हूँ तेरी आवाज से आऊँगा
एक बार आवाज़ देना माता भारती मुझे
मरकर भी मैं माँ तेरे ली ही जी जाऊँगा
देखेगा फिर यह सारा जमाना भारत माँ
इन नक्सलियों को कदमों में झुकाऊंगा
मौत हयात से जंग लड़ी मैने ए भारत माँ
मुझ में था दम कि सीने पे गोली खाऊँगा
मरकर के रिश्ते खोए जिनके कारण मैने
मन की तपिश से रिश्ते उनके झुलसाऊँगा
कुतर रहें जो राष्ट्र को दीमक बनकर नेता
इन गद्दारो के सीने में फ़िर छुरा चलाऊँगा
कायर नहीं हूँ माँ मैं बदला लेने आऊँगा
#अशोक सपड़ा हमदर्द
 
परिचय-दिल्ली निवासी अशोक सपड़ा हमदर्द जो 30 जनवरी 1977 को जन्में व इग्नु से स्नातक तक पढ़े जिनकी कई पत्र पत्रिकाओं में आलेख प्रकाशित होते है| अब तक दो काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके है|

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

नजरो का मेल  

Sat May 4 , 2019
जब से मिली है नजरे तुम से। दिल मे कुछ तो होने लगा है। था पहले कठोर और नीरस । अब वो मचलने और पिघलने लगा है।। अब क्या मेरे साथ हो रहा है। मुझे नही है कुछ भी खबर। दिल जो था मेरा नीरस सा, अब रसो से भरने […]

नया नया

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।