पक्षियों की रक्षार्थ आगे आएं, वैदिक धर्म निभाएं : विनोद बंसल

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आर्य समाज सन्त नगर ने घर-घर पहुंचाए पक्षी पेय-जल पात्र (परिंडे)

 नई दिल्ली। 

दिल्ली की चिल-चिलाती धूप की तपिश से पक्षियों को कुछ राहत पहुंचाने हेतु आर्य समाज सन्त नगर द्वारा आज पक्षी पेय-जल पात्र (परिंडे) वितरित किए गए। दक्षिणी दिल्ली के सन्त नगर में घर-घर जाकर एक एक परिंडा देकर निवेदन किया गया कि गृह स्वामी इन परिंडों में जल भर कर ऐसे स्थान पर रखें जहां अधिकाधिक पक्षी आसानी से पेय-जल ग्रहण कर सकें। वितरण से पूर्व एक यज्ञ का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि वेदों में बलि-वैश्वदेव यज्ञ का विधान उन सभी प्राणियों के कल्याण के लिए ही किया गया है जो मानवों से इतर हैं। उनकी रक्षा, संरक्षण व संवर्धन हम सभी का परम कर्तव्य है। यूं तो हिंदू समाज द्वारा पक्षियों को दाना-पानी व अन्य संरक्षण देने की परंपरा अनादिकाल से चली आ रही है किन्तु गत कुछ दशकों में तेजी से बढे औद्योगिकीकरण, सड़कों पर बढ़ते वाहन व अंधाधुंध कटते हुए वृक्षों से बढे प्रदूषण तथा धटते परम्परागत जल संरक्षण श्रोतों ने घर-घर में परिंडों की महत्ता को और बढ़ा दिया है।

          वैदिक विदुषी दर्शनाचार्या विमलेश आर्या के नेतृत्व में सम्पन्न यज्ञ व परिंडा वितरण कार्यक्रम में आर्य समाज मन्दिर के कोषाध्यक्ष वीरेंद्र सूद, संरक्षक विजय कौशिक, संजीव कुमार, श्रीमती हितेश, पार्वती देवी व नन्हा बालक नील सहित अनेक लोग सामिल थे।

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