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मोतिझारे की गंभीर अवस्था से पीड़ित मैं नीचे वाले कमरे मैं बिस्तर पर अकेले पड़ी थी। तभी अचानक मुख्यद्वार पर एक आहट हुई। सिर पर आटे का कटा लिए उसने उतावलेपन में मुख्य द्वार से सटे रसोई घर में प्रवेश किया और शीघ्रता से उस आटे के कट्टे को मेरे आटे के बर्तन में उड़ेल दिया। फिर उसने कट्टे को एक कोने में छुपा कर रख दिया ।। अब उसने एक कागज के बने लिफाफे से मुट्ठी भर मूंग की दाल निकाली और पतीला ले गैस पर बनने के लिए चढ़ा दी। उसने तत्परता दिखाते हुए परांत उठाई और थोड़ा आटा गुंना। तब तक नमक वाली दाल पक चुकी थी। उसने तवा चढ़ा एक पतला फुलका सेका और एक बर्तन में दाल का पानी और रोटी की पपड़ी मेरे सामने परोसी ।
उसके चेहरे की तरफ देख कर मुझसे रहा ना गया और पूछ बैठी “यह आटा कहां से लाई हो” ” आप पहले रोटी खा लीजिए” उसने कहा ।। “खा लूंगी पहले बताओ “मैं बोली । “चक्की पर पिसवा कर लाई हूं “उसने जवाब दिया ।। “और गेहूं ! गेहूं कहां से आए ? अपने अनाज की टंकी में से ले गई थी” ” मम्मी को मालूम है ? “नहीं” “गलत बात है ।वह क्रोधित होंगी तो!” मैंने उसकी तरफ थोड़ा गुस्से में देखा । “होने दो, आपने कई दिनों से कुछ नहीं खाया । जल्दी से पहले कुछ खा लो । फिर बातें करना । “तुम्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था” मैंने थोड़ा डांडा । आपने इतने दिनों से कुछ नहीं खाया तो क्या मैं आपको भूखे रहने दूं। घर में आटा भी नहीं था तो फिर चवन्नी- अठन्नी को क्या खिलाया होगा और आप तो गर्दन भी नहीं उठा सकती फिर कैसे काम करती । मां के डांटने पर इतना दुख नहीं होगा जितना पिछले कुछ दिनों से आपके भूखा रहने पर हुआ यहां आप की देखभाल ही कौन करता है ? और मैं भी ना करूं तो! वह मां बन कर मुझ पर बरसे जा रही थी और मैं चुपचाप सुने जा रही थी ।वह फिर बोली मां की गौतन होने से आप मेरी मौसी लगी ।एक रिश्ते में आप मेरी भाभी भी लगी। फिर आप मेरी ट्यूशन वाली टीचर भी हो ।परंतु इन सबसे ऊपर आपके साथ मेरा एक और रिश्ता है और वह है दोस्ती का । इस दोस्ती को मैं भला कैसे भूल जाऊं ? मैं सोचती ही रह गई अध्यापिका कौन है मैं या वो ।
परिचय-
नाम ___डॉ मीना कुमारी सोलंकी
जन्म स्थान ___नीमली ,चरखी दादरी, हरियाणा
पिता ___सूबेदार शीशराम
माता ___श्रीमती फूलवती टेलरणी
योग्यता ___एम ए ,एमफिल ,पीएचडी हिंदी ,एम ए एजुकेशन ,जेबीटी ,बीएड , टैट ,स्क्रीनिगं आदि
व्यवसाय ___अध्ययन, अध्यापन
रुचि ____नृत्य ,गायन, अभिनय, वादन ,डीबेट करना आदि
विशेष __स्थानीय, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनेक पत्र पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन तथा कवि सम्मेलन एवं सेमिनारों में सहभागिता।
पत्राचार__ डॉ मीना कुमारी c/o देईचंद सांगी
गांव व डाकखाना –सांखोल
तहसील -बहादुरगढ़
जिला -झज्जर (हरियाणा )
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Fri Apr 26 , 2019
कुलि हमसे विधाता छीन लिहिन, अबकी गेहूं मा रोइ दिहिन। ई जाने कवन बयार चली, एकै झोंका मां खतम कीन गेहूं मा फूल लगा जइसे, जइसे वहिमा बाली आइल करिया करिया करिया होइगै, दुख कै बदरा जब मडराइल बिजुरी चमकी गरजा बदरा, आंखी कै सब बहिगै कजरा। अंसुवन कै धार […]