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प्रेम एक एहसास है।
प्रेम एक पूंजा है।
प्रेम से होती दोस्ती।
प्रेम से बनते रिश्ते ।
प्रेम बिना सब सूना।
प्रेम से ही जीना।
प्रेम से जीत जाते,
बड़ी सी बड़ी जंग ।
प्रेम से ही बनते,
एक दूसरे से संबंध।
प्रेम हो तो खिलते,
दो दिलो में फूल।
प्रेम बदल देता है,
लोगों की सोच समझ।
प्रेम दर्शता आपका व्यवहार।
प्रेम बदल देता है,
जीवन जीने की परिभाषा।
प्रेम से बनता है,
दो परिवारों का मेल।
प्रेम न होता तो,
न बनते पारिवारिक रिश्ते।
प्रेम से दो दिल,
हो जाते है एक ।
प्रेम ही निभाता है,
पति पत्नी के रिश्ते।
प्रेम जीवन का है,
लोगो मूल आधार।
प्रेम से बने रहेंगे,
पारिवारिक रिश्ते।
प्रेम में है अपार प्यार।
प्रेम है जीवन का,
हमारा आपका आधार।
प्रेम बना देता है,
संबंध दिलो में अपार।
प्रेम क्या होता है…?
इससे बताने का किया,
आज थोड़ा सा प्रयास।।
#संजय जैन
परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।
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Sun Apr 21 , 2019
नेताओं का क्या… इस दल न सही तो उस दल बस कुर्सी मिल जाये | और तुम (जनता) क्यों आपस में लड़ मर रहे हो तुम्हें तो वही करना है जो कर रहे हो / वहीं रहना है जहाँ रह रहे हो | तुम्हें (जनता) आज ऐसा एहसास हो रहा […]