काश मेरी किस्मत भी,
तेरी किस्मत जैसी होती।
मैं भी इल्जाम तुझ पे,
लगा रही होती।
खता तो तेरी थी,
और इल्जाम मैं
पाती रही।
ये किस्मत की,
क्या नासमझी हुई?
#नेहा लिम्बोदिया
परिचय : इंदौर निवासी नेहा लिम्बोदिया की शिक्षा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में हुई है और ये शौक से लम्बे समय से लेखन में लगी हैं। कविताएँ लिखना इनका हुनर है,इसलिए जनवादी लेखक संघ से जुड़कर सचिव की जिम्मेदारी निभा रही हैं। इनकी अभिनय में विशेष रुचि है तो,थिएटर भी करती रहती हैं।
Nice
bahut badhiya likha
Awesome
Very Nice Poem