
रहो हिल मिलकर मेरे,
समाज के भाई बहिनों।
मैं लेकर आया हूँ,
स्नेह प्यार का संदेशा।
रहे हम सब पर हमारे
बड़े बूढ़ो का हाथ।
तभी हर जाती धर्म को
दुनियाँ में पहचान जाएगा।।
दिलाओं अपने बच्चों को
शिक्षा तुम सभी लोग।
तभी समाज को मिलेगा,
शिक्षित समाज का दर्जा।
इसलिए बैर भाव अपने
आपसी के सब छोड़ों तुम।
और प्रेरित करो बच्चों को
पढ़ाई के लिए तुम।।
शिक्षा एक ऐसी चीज है,
जो कोई छीन नहीं सकता।
वो अपने ज्ञान के बल पर,
कभी भूखा रह नहीं सकेगा।
इसलिए पढ़ाई पर बच्चों का
ध्यान केंद्रित कराओ।
और उन्हें शिक्षित बनाकर
देश में भूमिका निभाओ ।
और अपने परिवार,
समाज को सम्मान दिलाओ।
और खुद की अलग
एक पहचान बनाओ।।
जय जिनेन्द्र देव
संजय जैन (मुम्बई)