#गोपाल कौशल
परिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
Read Time57 Second
गुलाल की बौछार
पिचकारी की धार ।
गुझिया की मिठास
रिश्तों में भरे प्यार ।।
होलिका का संहार
जीते प्रहलाद कुमार ।
बुराई का होता अंत
कहें होली का त्यौहार ।।
छाया रंगों का शुमार
लाया प्रेम की फुहार ।
बसंती टेशू – पलाश
रंग का चढा खुमार ।।
ढोल-मांदल बजे द्वार
देने खुशियां अपार ।
सदा मुस्करातें रहों
कहें होली का त्यौहार ।।
बहें भाईचारे की बयार
मिसाल दे सारा संसार ।
बस यहीं शुभकामनाएं
गोपाल की करों स्वीकार ।।
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
May 16, 2020
ज़िन्दगी के लिए….
-
February 28, 2020
क्या लोगों की सेवा करने से मिलती है शान्ति और संतुष्टि?
-
May 21, 2019
एक सवाल
-
February 11, 2017
मतदाता जागरूकता..
-
January 5, 2019
कागज के नाव और बचपन