तेरे कांधे पे जब मेरा सर होगा
मेरे अश्कों से भीगा फ़िर
तेरा भी चेहरा होगा
दो बूँदे जो तेरे पलकों पे ठहर जाएँगी ..
उसपर भी हमारी मुहब्बत का पहरा होगा
छुपा सकोगे तुम भी क्या
ग़मो की सिलवटों को फ़िर
अधूरी सी हमारी चाहतों का
हम दोनो के दरमियाँ फेरा होगा ….
तेरे कांधे पे जब मेरा सर होगा
मेरे एहसासों पे तेरी बाहों का घेरा होगा .
हल्की सी हसी लबो पे तेरे ..तेरी
नमी को क्या छुपा पाएगी….
छलक कर वो भी तो
मेरी रूह तक को भीगा जाएगी
झुकती निग़ाहे थरथराते लब मेरे
एक अरसे बाद तेरे हाथो में मेरा चेहरा होगा .
रोक पाओगे तुम भी क्या
जज़्बातों को यूँ अपने फ़िर
मिलन बिछड़ी ख्वाहिशों का
तेरी आग़ोश ही मेरा डेरा होगा…
छू लेंगे बस इक दूजे को निगाहो से ..
रूह का रूह से मिलन तेरा मेरा होगा
तेरे कांधे पर जब मेरा सर होगा
तेरी महकती सांसो का गर्म घेरा होगा ..
#डेज़ी बेदी जुनेजापरिचय-
नाम………डेज़ी बेदी जूनेजा
जन्मतिथि……1मई
पता…….मोहाली (चंडीगढ़ )