भारत के हो लाल तुम्हारा अभिनंदन !
किया जो तुमने कमाल तुम्हारा अभिनंदन !
देश के नौनिहाल तुम्हारा अभिनंदन !
अरि को मार गिराय तुम्हें करते वंदन !
बनकरखड़े मिशालतुम्हारा अभिनंदन !
देश खुशी के साथ करे तुम्हरा अर्चन !
दुश्मन को दिये मात तुम्हारा अभिनंदन !
मस्तक तिलक लगाओं महकता वह चंदन !
माँ की कोख निहाल तुम्हारा अभिनंदन !
पत्नी के भरे मांग करे अर्चन वंदन !
फूले नहीं समाय पिताजी अभिनंदन !
ले आरती का थाल आंख से कर क्रंदन !
शूरवीर मेरे लाल तुम्हारा अभिनंदन !
अद्भूत शौर्य महान देश का तु नंदन !
तहे दिल से आभार तुम्हारा अभिनंदन !
सपना किये साकार नमन तुम्हें अभिनंदन !
गर्वित हिंदूस्तान तुम्हारा अभिनंदन !
सर पे बधा है ताज तुम्हें करते वंदन !
शत शत नमन भारत के लाल तुम्हारा अभिनंदन !
हीरों बन गये आज तुम्हारा अभिनंदन !
बहन – भाई खुशहाल तुम्हारा अभिनंदन !
गर्व करे संसार जन जन का तु नंदन !
घर – परिवार के नाज तुम्हारा अभिनंदन !
पत्नी के सरताज खुशी से करे क्रंदन !
बार्डर पर खड़े जवान तुम्हारा अभिनंदन !
आओ देश के लाल तुम्हारा अभिनंदन !
सैनिक हो जांबाज तुम्हारा अभिनंदन !
दुश्मन देख थर्राय तुम्हारा अभिनंदन !
परिचय-
नाम -डॉ. अर्चना दुबे
मुम्बई(महाराष्ट्र)
जन्म स्थान – जिला- जौनपुर (उत्तर प्रदेश)
शिक्षा – एम.ए., पीएच-डी.
कार्यक्षेत्र – स्वच्छंद लेखनकार्य
लेखन विधा – गीत, गज़ल, लेख, कहाँनी, लघुकथा, कविता, समीक्षा आदि विधा पर ।
कोई प्रकाशन संग्रह / किताब – दो साझा काव्य संग्रह ।
रचना प्रकाशन – मेट्रो दिनांक हिंदी साप्ताहिक अखबार (मुम्बई ) से मार्च 2018 से ( सह सम्पादक ) का कार्य ।
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काव्य स्पंदन पत्रिका साप्ताहिक (दिल्ली) प्रति सप्ताह कविता, गज़ल प्रकाशित ।
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कई हिंदी अखबार और पत्रिकाओं में लेख, कहाँनी, कविता, गज़ल, लघुकथा, समीक्षा प्रकाशित ।
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दर्जनों से ज्यादा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रपत्र वाचन ।
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अंर्तराष्ट्रीय पत्रिका में 4 लेख प्रकाशित ।