*मतदान हमारा नैतिक अधिकार* 

0 0
Read Time4 Minute, 0 Second

paras nath

लोकतंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए हमें  अपना अधिकार और कर्त्तव्य जानना बहुत ही आवश्यक है । और इसकी पहली सीढ़ी है *मतदान* । पहले तो ये सुनिश्चित करना होगा की हमें मतदान प्रत्येक दशा में करना  है । तत्पश्चात यह तय करना होगा की किसको और क्यों अपना मत दिया जाय ?
‘लोकतंत्र’ जनता के लिए तथा जनता के द्वारा होता है । लोकतंत्र को सार्थक बनाने के लिये प्रत्येक अर्ह नागरिक को मतदान का अधिकार है इसको ऐसे समझ जा सकता है कि मतदान नेताओं का नकेल है । परंतु जागरूकता के अभाव में जनता अपने मताधिकार का प्रयोग पूर्ण रूपेण एवं सही नहीं कर पाती जिससे वही जनता पिसती दिख रही होती है । कथित प्रजा पालकों व शासकों के द्वारा जनता शोषित होती रहती है ।
सर्वप्रथम हमें सही लोगों को चुनने के लिए अपने मताधिकार का प्रयोग शत प्रतिशत करना होगा एवं सोच समझकर ही मतदान करना होगा । यदि हम गलत लोगों का चुनाव करेंगें को उसका खामियाजा हमें ही भुगतान पड़ेगा । और उस दुष्परिणाम का पूरा श्रेय हमें ही जायेगा क्योंकि हमने उनको अपना अमूल्य मत ऐसे घटिये नेतृत्व के हाथ में दिया । यदि हमने मतदान न देकर पल्लू झाड़ लिया तब तो सारे अनिष्ट का दोषी हम ही है । अतः हमें सोच समझ कर मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिये ।
एक बात जो धरातलीय पटल पर दिख रही है कि जो अपने देश की जनता है अधिकतर (आंकड़े प्रतिशत के नहीं है) बड़ी ही निरीह है ,अज्ञानता, अशिक्षा,गरीबी, निठल्लेपन के कारण ।
उसका मानना है कि मतदान से क्या मिलेगा ?
कुछ लोग इस पचड़े में नहीं पड़ना चाहते है ,वो कहते है छोड़ों भई !
कुछ कहते है जो भैया(चमचे) बतायेगें उन्ही को अपना मत देंगे ।
कुछ लोग बरगला लिए जाते हैं तो  कुछ के मतों को खरीद फरोख्त कर लिया जाता है । नेता भी समय का तकाज़ा भांफ कर जनता को लालच देकर व उनके मतों का सौदा कर देतें है । इस परिस्थिति के अप्रत्यक्ष दोषी जनता तथा उनके जागरूकता का अभाव  है ।
सभी अपने मत का सही प्रयोग करें , इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार जागरूक जनों द्वारा समर्पित भाव से करना होगा औपचारिकता मात्र नहीं क्योंकि भारतीय जनता की स्थिति किसी से छिपी नहीं है  ।
हमें अपने मताधिकार का प्रयोग अवश्य करना चाहिये। अपना मत अमूल्य है ।

जय लोकतंत्र    !!!                  जय भारत !!!

नाम-पारस नाथ जायसवाल
साहित्यिक उपनाम – सरल
पिता-स्व0 श्री चंदेले
माता -स्व0 श्रीमती सरस्वती
वर्तमान व स्थाई पता-
ग्राम – सोहाँस
राज्य – उत्तर प्रदेश
शिक्षा – कला स्नातक , बीटीसी ,बीएड।
कार्यक्षेत्र – शिक्षक (बेसिक शिक्षा)
विधा -गद्य, गीत, छंदमुक्त,कविता ।
अन्य उपलब्धियां – समाचारपत्र ‘दैनिक वर्तमान अंकुर ‘ में कुछ कविताएं प्रकाशित ।
लेखन उद्देश्य – स्वानुभव को कविता के माध्यम से जन जन तक पहुचाना , हिंदी साहित्य में अपना अंशदान करना एवं आत्म संतुष्टि हेतु लेखन ।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

शिव की नैय्या में रोड़ा है कमल का पंजा

Fri Nov 16 , 2018
राजनीती की दशा और केंद्रीय कद में निर्णायक भूमिका में रहने वाला राज्य मध्यप्रदेश में चुनाव आ चुके है। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव का आरम्भ हो चुका है, जहाँ २३० विधानसभा में कुल 65,341 पोलिंग बूथ पर 5,03,34,260 मतदाता मध्यप्रदेश के भाग्य का फैसला २८ नवम्बर को करने वाले है। […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।