# गोपाल कौशलपरिचय : गोपाल कौशल नागदा जिला धार (मध्यप्रदेश) में रहते हैं और रोज एक नई कविता लिखने की आदत बना रखी है।
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भरती हैं सिंदूर की लंबी मांग
जीवन साथी ही उसका भाग ।
करें वटसावित्री , करवा चौथ
व्रत ताकि दीर्घायु रहें सुहाग ।।
जीवन महकता रहें दिलबाग
खुशियों के संग हो हर राग ।
वह चलती हर पथ संग-संग
समझकर वह अपना सुभाग ।।
सतीरुप में ग्रहण करती आग
सुहाग के लिए कर देती त्याग ।
यमराज से भी वापस ले आती
अपने तपबल पर अपना सुहाग ।।
नारी का एक उजाला है सुहाग
चाहें गोरा हो या काला सुहाग ।
मांगें यही आशीष माँ गोरा से
हर जन्म में रहें मेरा अटल सुहाग ।।
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