#संध्या चतुर्वेदीअहमदाबाद (गुजरात)
Read Time54 Second
वो राम कहाँ से लाऊ अब
जो रावण का संघार करें।
सीता को हरने से पहले
रावण भी अपने मन मे,
सौ सौ बार विचार करें।
उस को था पता कि
राम जरूर आयेंगे ,
सीता को बचा ले जायेंगे।
नही करना था उस को
सीता को कलंकित
इसलिए कभी ना
हाथ छुआ
देवी की तरह रही पवित्र
रावण के भी आँगन में
कभी ना कोई जोर
अबला पर किया।
आज भूल गए है
की मर्यादा का
रावण ने भी सम्मान किया
कभी विषम परिस्थितियों में
भी उस ने अपनी
सीमा पार किया।
कलयुग के जो दानव है
रावण कहलाने योग्य नही ।
रावण ने कभी पलट
सीता पर कोई प्रहार किया।।
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
January 27, 2019
बसंत के रंग
-
June 18, 2018
पापा बूढ़े होने लगे हैं
-
February 21, 2017
मुकद्दर से लेकर इजाज़त
-
October 10, 2019
जीवण जोबन अंत
-
July 28, 2019
जय भोले शंकर